बाबू जी को समर्पित

घर पर जाकर मुझको बस ओ खाली जगह दिखाई देता है   हर जगह घूम कर ये नजरें बस उसी जगह पर रूक जाती है  जैसे लगता है उसी जगह पर बैठ कर मुझे तुम बुलाते हो         
ओ खाली जगह देखकर बाबू जी तुम बहुत याद आते हो।

एक अंधेरी सी छाया है दिल मना रहा हर पल मातम        नजरें तुमको ढुंढ रही हैं लेकिन आते नहीं कभी अब तुम    खामोशी सी दिल में छायी रहती है                                तुम भी तो न मुझको बुलाते हो                                    ओ खाली जगह देखकर बाबू जी तुम बहुत याद आते हो।


है जगह ओ खाली पड़ा हुआ  चीजें भी मरी हुयी सी हैं।    खुशियां है कहीं पर छिप सी गयी जैसे लगता है डरी हुयी सी है अब तो तुम भी मुझको कभी डांट कर नही डराते हो।           
ओ खाली जगह देखकर बाबू जी तुम बहुत याद आते हो।

माई की सूनी मांग देखकर मेरी आंखें भर जाती हैं साथ    छोड़ दिया उनका जो आपकी जीवन साथी है                  साथ निभाने का वादा तुम कर                                    आकर क्यों नही निभाते हो।                                        ओ खाली जगह देखकर बाबू जी तुम बहुत याद आते हो।

छोटे-बड़े है भाई खड़ा करते पहाड़ हर रोज सवालों का।  तूफान सा चलता रहता है दिल में आपके खयालों का        अपनी कमी का यूं अहसास दिला कर,हर पल हमें क्यों सताते   हो।                                                            ओ खाली जगह देखकर बाबू जी तुम बहुत याद आते हो।

                                              एस.एस.पी.बी.सी.

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