
मनपा के सफाई कर्मियों पर एचआईवी का खतरा ।
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- May 15, 2019
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मनपा के सफाई कर्मियों पर एचआईवी का खतरा ।
भिवंडी । सवाददाता। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यही सच है। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका के सफाई कर्मियों पर एचआईवी का खतरा मंडरा रहा है और सफाई कर्मचारी इससे अंजान बने है। क्योंकि महा नगरपालिका के कूड़ों में मेडिकल के बेस्टेस खुलेआम फेंकने का काम किया जा रहा है। जिसे हर दिन सफाई कर्मचारी उठा रहे है। ऐसे में अगर किसी कर्मचारी को कूड़े उठाते वक्त अस्पताल से फेंकी सुई चुभ गई और एचआईवी हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? इस तरह से प्राइवेट अस्पताल व नर्सिग होम खुलेआम मेडिकल बेस्टेस का निस्तारण करने के बजाय सड़कों पर पड़े कूड़े के ढेर में फेंकने का काम किया जा रहा है।
सुत्रो द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में खुले अस्पताल, नर्सिग होम व क्लीनिक से निकले वाले मेडिकल वेस्टेस से तमाम प्रकार की बीमारियों के फैलने की संभावना रहती है। सबसे ज्यादा खतरा एचआईवी तथा हेपेटाइटिस का रहता है। इसीलिए मेडिकल वेस्टेस को सार्वजनिक स्थानों व खुले में फेंकने के बाद उसका बकायदा निस्तारण का प्राविधान है लेकिन यहां खुलेआम इसका उल्लघंन करके लोगों की जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। खासकर महानगर पालिका में काम करने वाले सफाई कर्मचारी तथा नाली व नाला सफाई करने वाले कर्मियों के साथ हो रहा है। क्योंकि शहर में नर्सिग होमों तथा अस्पतालों से हर दिन निकलने वाले मेडिकल वेस्टेस को व्यवस्थित ढंग से निस्तारण कराने के बजाय चोरी चुपके महानगर पालिका के सड़कों व गली मुहल्लों में एकत्र किये गये कूड़ों तथा नालों व नालियों में फेंकने का काम किया जा रहा है। महानगर पालिका के सफाई कर्मचारियों को हर दिन इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। ज्यादातर सफाई कर्मचारियों को इतना भी पता नहीं कि अगर कूड़ा उठाते वक्त धोखे से सुई हाथ में कहीं चुभ गई तो फिर उन्हें एचआईवी व हेपेटाइटिस होने से कोई नहीं बचा सकता है। कई सफाई कर्मचारियों ने इन प्राइवेट अस्पताल से सांठ गांठ कर निकलने वाला कचरा को अस्पताल में जाकर स्वयं लाते हैं।नर्सिग होमों व अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल बेस्ट को कूड़ों में फेंकने का काम भी करते हैं। जिसकेे मेहताना केे रुप में इन अस्पतालों से दर महिना मोटी रकम भी लेते हैं।
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