
मानों तो मैं गंगा जल हूं ना मानो तो बहता पानी
- Hindi Samaachar
- Jun 30, 2018
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आये हैं तो रूकेंगे एक रात तुम्हारे गांव में
चाहोगे तो करलेंगे कुछ बातें तुम्हारे गांव में
दिल के सुनें आंगन में एक बदली बन जाओगे
कर देंगें हम प्यार की बरसात तुम्हारे गांव में
ओ युवा पीढ़ीयों तुम मेरा प्रणाम लेना
मैंने सीखा नहीं है हाथ में शराब लेना
फिर भी बहुत है घुमाव इस प्यार की राह में
मैं फिसल ना जाऊं इस राह में मेरा हाथ थाम लेना
जलती हुई धरा है मैं पानी डालता हूं
पत्थरों के रास्ते पर मैं बहार बांटता हूं
है ये आग का समंदर जिना भी बहुत कठिन
तिरस्कार के दौरे में भी प्यार बांटता हूं
ईश्वर ने बनाया है तुम्हें सांचे में ढालकर
कोई रखे कैसे ऐसे में दिल सम्भालकर
लहरों के थपेड़े लग न जाये मैंने इसलिए
फेका ही नहीं एक भी पत्थर उठाकर
पतझड़ में भी ओ डाली हिला कर चला गया
बरफ सा था फिर भी ओ जलाकर चला गया
उसके शब्दों में शहद और छुने में गुलाब था
न जाने आंखों से क्या-क्या पिलाकर चला गया
अनमोल थी वह तो उसपर दाम क्यू लिखा
तुम रती नहीं थी तो मुझको काम क्यू कहा
तुम्हें प्यार ही नहीं था जब मुझसे तो बोलो
चुपचाप हाथ पर मेरा नाम क्यों लिखा
लिख ही दिया है जब तो उसे मत निकालिए
और हो सके तो मेरा किस्मत बनाईये
प्यार भरा दिल तुम्हारा ये दिल करेगा याद
फूल पर बैठा हुआ ये है भौंरा मत भगाइये एस.एस.पी.बी.सी
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