
जानिये क्या कारण है BJP-शिवसेना के बीच का रोड़ा
- रामसमुझ यादव, ब्यूरो चीफ मुंबई
- Sep 22, 2019
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मुंबई।। बीजेपी-शिवसेना में मतभेद सिर्फ सीटों को लेकर नहीं है बल्कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भी दोनों दलों में आपसी समहमति नहीं बन पा रही है। बीजेपी महाराष्ट्र विधानसभा मे मुख्यमंत्री का चेहरा धोषित करके लड़ना चाहती है। और शिवसेना इसके पक्ष मे नहीं है।
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र बीजेपी शिवसेना को किसी भी कीमत पर विधानसभा की कुल 288 सीटों में सिर्फ एक-तिहाई सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. ज्यादा दबाव पड़ने पर इस संख्या को पार्टी 100 तक कर सकती है जबकि शिवसेना बराबर-बराबर सीटों की मांग पर अड़ी है. बीजेपी के स्थानीय नेताओं का मानना है कि ये शिवसेना बाल ठाकरे के जमाने की शिवसेना नहीं है जिसे बराबर-बराबर सीटें देनी पड़े. शिवसेना से राज ठाकरे के अलग हो जाने से उसका कोर वोट बैंक कमजोर हुआ है, 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद बीजेपी को शिवसेना से करीब-करीब दोगुना सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में पार्टी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव क्यों लड़ें लेकिन बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के कुछ नेता कुछ सीटों के लिए शिवसेना से वर्षों पुराना साथ नहीं छोड़ना चाहते. ऐसे में ये नेता चाहते हैं कि पार्टी बराबर-बराबर नहीं लेकिन शिवसेना के लिए सम्मानजन सीटें छोड़ दे. लेकिन सूत्र बताते हैं कि किसी भी हालात में ये आकड़े 100 से ज्यादा नहीं होगा.
सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिर्फ सीटों के बटवारे तक ही सीमित नहीं है बल्कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा घोषित करने को लेकर भी दोनों पार्टियों (शिवसेना और बीजेपी) में मतभेद सामने आ रहे हैं. शिवसेना चाहती है कि पहले की तरह इस बार भी बीजेपी चुनाव से पूर्व अपने मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित न करे. लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी समझे जाने वाले कई नेता शिवसेना की इस मांग का खुलकर विरोध कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी इस बार तीनों चुनावी राज्यों (महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड) में मुख्यमंत्री के चेहरा घोषित कर चुनाव लड़ने की तैयारी में है ऐसे में इस मामले पर बीजेपी शिवसेना की बात मान जाए इसकी उम्मीद कम नजर आ रही है.
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