कडोंमपा के काम चोर और बेजबाबदार अधिकारियों पर 'दप्तर दिरंगाई अधिनियम- 2005' के अनुसार कार्यवाई की मांग

मांग पूरी ना होने पर 10 फरवरी से आयुक्त कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से अनिश्चितकाल आंदोलन - घड़ियाली

कल्याण ।। कल्याण डोंबिवली मनपा शिकायतों पर किस तरह से कार्य करती है यह कोई अबूझ पहेली नही है, इससे तंग आ चुके वरिष्ठ पत्रकार अब्बास जकियुध्दीन घड़ियाली ने कल्याण डोंबिवली मनपा के सामान्य प्रशासन विभाग उपायुक्त को कुल 29 मामलों में दप्तर दिरंगाई अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही करने की मांग की थी जिसपर किसी भी तरह की कोई भी कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में उन्होंने 10 फरवरी से जबतक दी गई सभी 29 शिकायतों पर कडोंमपा के सभी काम चोर और बेजबाबदार अधिकारियों पर नियमानुसार आगे की योग्य एवं उचित कानूनी कार्यवाही नहीं की जाती हैं और उस बाबत उन सभी की सेवा पुस्तिका में नोंध नहीं की जाती हैं तबतक 10 फरवरी से  हर रोज सुबह 10-30 बजे से शाम 05-30 बजे तक कार्यालयीन समम में  अनिश्चितकालीन समय तक महापालिका आयुक्त के कार्यालय के दालान के बाहर एक तरफ साइड में शांति पूर्ण रूप से बैठ कर  विरोध प्रर्दशन करने का पत्र सौंपा है।

दप्तर दिरंगाई अधिनियम 2005 के तहत यदि कोई अधिकारी कर्मचारी वरिष्ठ अधिकारियों या शासन,प्रशासन द्वारा दिए गए आदेशों को संज्ञान में न लेते हुए उसकी अवहेलना करता है या जिस अधिकारी, कर्मचारी को जो काम दिया गया हैं सोपा गया हैं वह कार्यालयीन काम वो अधिकारी, कर्मचारी पूर्णरूप से जबाबदेही से पार नहीं करता हैं और वो अधिकारी, कर्मचारी जानबूझकर हेतुपुरस्कर,बेजबाबदारी से कार्यालयीन कर्तव्य में दिरंगाई कर कर्त्तव्यपालन में कसूरी करता हैं उस पर इस अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाती है। गौरतलब हो कि ऐसे कुल 29 मामले के सभी कागजात सामान्य प्रशासन विभाग को वरिष्ठ पत्रकार अब्बास जकियुध्दीन घड़ियाली द्वारा सौंपा गया है जिसमे कल्याण डोंबिवली मनपा के अधिकारियों ने या तो शासन,प्रशासन द्वारा दिए गए आदेशों को नही माना है या फिर उल्टे सीधे जबाब देकर गुमराह करने की कोशिश की है या फिर उसे एक-दुसरे विभाग को भेज कर कागजी घोड़े नचाने का कार्य  कर रहे हैं ।

घडियाली द्वारा दिये गये ज्ञापन पत्र में यह भी दावा किया गया है कि यदि उनके द्वारा दिये गये 29 में से किसी भी शिकायत में उनके द्वारा कोई गलती पाई जाती है तो या वो बेबुनियाद या झूठी शिद्ध होती हैं तो कानून के अंतर्गत नियमानुसार जो भी कार्यवाही या सजा हो वह उनपर की जाये इसके लिए सजा भुगतने के लिए भी वह तैयार है अन्यथा महापालिका प्रशासन जबाबदार उल्लेखित लापरवाह अधिकारियों पर दप्तर दिरंगाई अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही कर तथा उस बाबत उनकी सेवा पुस्तिका में लापरवाही को उल्लेखित करें अन्यथा वह 10 फरवरी से आयुक्त कार्यालय के दालान के बाहर एक तरफ साइड में शांतिपूर्ण तरीके से कार्यालयीन समय मे तब तक अनशन पर बैठेंगे जब तक उनकी मांग पूरी नही की जाती। महापालिका के प्रशासन के अतिरिक्त मंत्रालय, पुलिस विभाग, मुंबई उच्च न्यायालय,कोंकण विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, थाने को भी इस ज्ञापन पत्र की प्रतियां प्रेषित की गई हैं।

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