सारनाथ में सावन के मेले की तैयारियां गड्ढे व कीचड़ में शुरू

वाराणसी । तीर्थस्थल सारनाथ में सावन के पावन पर्व शुरू होने में सिर्फ चार दिन शेष हैं और सड़कों का हाल कुछ ठीक नही। मंदिर से मेला क्षेत्र से जाने वाले मार्ग पर गंदगी तो है ही लेकिन सड़क का चौड़ा और पाइप लाइन विछाने के लिए की गई दो फीट तक गहरी खोदाई से क्षेत्र का आने जाने का मार्ग व्यस्त है। गड्ढों को खोदने के बाद भी सड़क नहीं बनाई गई। पर्यटनस्थल और मेला क्षेत्र की नालियां चारो ओर से गंदकि फैला रही हैं और जगह-जगह कीचड़ व जलजमाव है। लेकिन फिर भी मेले की तयारी जोरो से चल रही है।

काफी लगत से संवारे गए शिवकुंड में पानी ही नदारत

सारनाथ में कुंड-तालाबों की साज-सज्जा को लेकर तत्परता दिखा रहे सरकारी कर्मचारी की अदूरदर्शिता से इस बार श्रद्धालुओं के भावनाओ में खिन्नता उतपन्न हो रही है। सारंगनाथ महादेव मंदिर का शिवकुंड की पर्यटन विभाग ने छह माह पहले ढाई करोड़ की लागत से साजा-सवारा । इसमें राजस्थान से मंगवाया गया  नक्काशीदार पत्थरों से सीढि़यां बनवाई, बेंच लगाए और लाइटिंग कराई लेकिन पानी का ही इंतजाम नहीं किया। इसके ही जल से श्रद्धालु बाबा का अभिषेक करते रहे हैं। फिलहाल इसमें घास-फूस व गंदगी फैला हुआ है।

विशिष्ट शिवालय

सारंगनाथ महादेव मंदिर एक ही अरघे में दो शिवलिंग के कारण विशिष्ट है। मान्यता है कि इनमें एक शिवलिंग की स्थापना स्वयं सारंग ऋषि ने की थी। इसी अरघे में दूसरे शिवलिंग की स्थापना आदि गुरु शकराचार्य ने स्थापित किया। सारंग ऋषि के नाम पर क्षेत्र का नाम सारनाथ पड़ा।

रिपोर्टर

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