
अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही, उद्धारको की आस में खोकसाहा विद्यालय
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Feb 05, 2020
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राम कुमार ब्यूरो चीफ समस्तीपुर
समस्तीपुर, विभूतिपुर ।। कभी क्षेत्र की शैक्षणिक व्यवस्था की शान हुआ करता था राजकीयकृत मध्य विद्यालय खोकसाहा, लेकिन आज अपनी दुर्व्यवस्था पर आँसू बहाने को अभिशप्त है। इस विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक कि क्लास में लगभग 950 बच्चे , 8 शिक्षक-शिक्षिकाएँ है । लेकिन कमरे महज 6 और यहीं से शुरू होता है बच्चों की शिक्षा का दुर्भाग्य का दौर।
दो कमरे जर्जर हैं लेकिन दो वर्षों से यह मरम्मत के इंतजार में है। इसके दीवार मजबूत हैं , मगर छप्पर डालने की अति आवश्यकता है क्योंकि वर्षा-पानी ने इसे भी कमजोर करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को बार बार कहा जा रहा है कि नये भवन अब बनेंगे तो अब बनेंगे।
दो पालियों में कितनी पढ़ाई होगी ,यह इस बात से समझी जा सकती है कि प्रत्येक पाली के लिए सिर्फ दो घंटे की पढ़ाई की व्यवस्था है। पहली पाली जो 9 बजे से 12 बजे तक चलती है उसमें वर्ग 1 से 5 तक की पढ़ाई होती है।साफ सफाई और चेतना सत्र होते होते लगभग 9.45 बज जाते हैं तब आधा घंटे में बच्चों की उपस्थिति तब जाकर पढ़ाई शुरू होती है। इसी प्रकार,वर्ग 6 से 8 के बच्चों के लिए 12 बजे से दूसरी पाली में 1.15 बजे से 3.00 बजे तक अध्ययन अध्यापन। अब सोचा जा सकता है कि 1 घंटे 45 मिनट की पढ़ाई और 7 विषयों की पढ़ाई कैसे की जाती होगी। यह शिक्षण व्यवस्था के साथ कैसा मजाक हो रहा है।
इस ओर न विभाग का और न ही जनप्रतिनिधियों का ही ध्यान जा रहा है।इस विद्यालय को उत्क्रमित किया जाना था और 9वें वर्ग की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू करनी थी चूँकि इसके 5 किलोमीटर तक कोई उच्च विद्यालय नहीं है । लेकिन इसके बदले मध्य विद्यालय कापन का नाम उत्क्रमण हेतु जिले में विभाग द्वारा भेजा गया है। इससे इस पोषक क्षेत्र के अभिभावकों में निराशा छा गयी है। इस विद्यालय को प्रतीक्षा है इसके उद्धारकों की ताकि इसकी गरिमा वापस हो सके।
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