डोम्बिवली की एक ऐसी संस्था जो मानव के साथ जानवरो की भी लाकडाउन में कर रही सेवा

डोम्बीवली ।। मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है यह वाक्य दिल मे रखकर डोम्बिवली से सटे ठाकुर्ली के रहिवाशी नितिन उमाकांत चौधरी और उनके सहकारी समीर भोईर, मनोज गिरी, रूपेश भोईर, रितेश माळी, विनोद भगत, अजित विश्वकर्मा और उनकी संस्था के सभी साथी और इन सभी पर एक गुरु और बड़ी बहन की तरह नजर रखने वाली सौ. अक्षता भोसले अपने संस्था के माध्यम से लॉककडाउन के पहले दिन से जरूरत मंदो की बिना रुके बिना थके सेवा की है और यह सेवा सिर्फ इंसानों की ही नही बल्कि सड़क के भटकते कुत्तो को भी भोजन देते है ।

बिना किसी सरकारी मदत के सिर्फ अपनी इच्छा शक्ति और और अपनी मधुर भाषा के कारण इनके अपने बहुत सारे मित्र हैं जो नितिन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके इस नेक और सामाजिक कार्य मे उनका साथ देते हैं

यू तो नितिन चौधरी लगभग 15 सालो से किसी ना किसी संगठन से जुड़कर समाज की मदत करते रहे हैं पर पिछले दो सालो पहले ही उन्होने जाणता प्रतिष्ठाण (ठाकुर्लि पूर्व) नामक अपनी एक संस्था रूपी छोटा सा बीज डाला और इस छोटे से बीज ने दो सालो से निरंतर सिर्फ कल्याण डोम्बिवली तक ही सीमित ना  रहकर आम्बिवली नेरल कर्जत शहापुर मालवण उशीद (टिटवाला) मुरबाड नाशिक रायगढ़ कोल्हापुर सातारा सांगली इत्यादि जगहो तक इनकी समाज सेवा रही है और यह सेवा बिना रुके बिना थके की है  यह सामाजिक संस्था वृक्ष रोपण आदिवासी भाईओ के साथ दिवाली मनाना कई सारे जगहो पर सरकारी स्कूलों पर स्कूल बैग से लेकर पढाई के लिए हर जरूरी चीज मुहैया कराना महाराष्ट्र में आई भीषण बाढ़ में जमीनी स्तर पर उतरकर  बाढ़ पीड़ितों की मदत और  इस तरह के कई सामाजिक कार्य निरन्तर करते रहते हैं इस नेक कार्य मे उनका पूरा परिवार भी उनके साथ तन मन और धन से सदैव उनके साथ मजबूती से खड़ा रहता है ।

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