चाइल्ड एंड एजुकेशन फाउंडेशन ने स्कूल की फीस माफ करने की किया मांग

नायगांव(रोहित शुक्ला) ।। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने स्कूलों को यह निर्देश दिया कि वे अभिभावकों पर फीस भरने के लिए दबाव ना बनाए परंतु आज भी विद्यालयों द्वारा फीस भरने के लिए दबाव बनाए जाने का मामला चाइल्ड एंड एजुकेशन फाउंडेशन के प्रवीण खंडागले, सर्वेश दुबे व हैप्पी सिंह ने उठाते हुए राज्य सरकार से इस वर्ष स्कूलों की फीस माफ करने की मांग किया है ।

लॉक डाउन के चलते सब की हालत खस्ता हो चुकी है इस लाकडाउन मे कई लोगो ने अपनी नौकरी, व्यवसाय आदि खो दिया है, और लोग भोजन के लिए सड़क पर घंटों कतार में खड़े हैं। इस विकट परिस्थिति में सरकार, सामाजिक कार्यकर्ता और गैर सरकारी संगठन लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से अब स्कूल/शिक्षण संस्थान अभिभावकों पर फीस देने का दबाव डालने से नहीं चूक रहे है ऐसा ही मामला चाइल्ड एंड एजुकेशन फाउंडेशन के प्रवीण खंडागले, सर्वेश दुबे व हैप्पी सिंह ने उठाते हुए बताया कि नायगांव के सेवन स्क्वायर,डॉनबोस्को, वेलिंकिनी, किड्जी, रश्मि इंटरनेशनल स्कूल है जहाँ पर अभिभावकों को फीस भरने के लिए स्कूल के अध्यापको द्वारा मोबाइल पर फ़ोन कर लगातार दबाव डाला जा रहा है वही इन स्कूलो के अंदर ही किताब कॉपी, कपडा, मोजा, बैग, टाई , बेल्ट आदि सब बेच कर कानून की खुलेआम  धाज्जिअ उड़ा रहे है यह सब अभिभावकों के विरोध न करने का नतीजा है कि स्कूलों में यह धंधा भी खूब फूल फल रहा है कुछ स्कूल किताबें और कपड़े खरीदने के लिए भी माता-पिता पर दबाव डाल रहे हैं, जो पूरी तरह से गैर क़ानूनी है और यह सरकार और उच्यतम न्यायालय के दिशा/निर्देशो के विरुद्ध भी है।   

इस संदर्भ में और अधिक जानकारी देते हुए संस्था के कार्यकर्ता प्रवीण ने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थान या तो सोसायटी अधिनियम, 1860 या राज्यों के ट्रस्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं। शैक्षिक संस्थानों को मान्यता केवल "धर्मार्थ उद्देश्य" के लिए दी जाती है, किसी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं, दुर्भाग्य से अभिभावकों की आवाज न उठाने के कारण शिक्षण संस्थानों की मनमानी चल रही है और इसे व्यापार बना दिया गया है वही सर्वेश व हैप्पी ने कहा कि आज तक स्कूल ने जनता से करोड़ो की कमाई की तो इस संकट की घड़ी में स्कूल अभिभावकों से मुह क्यो मोड़ रहा है स्कूल को तो यह चाहिए कि वह इस वर्ष की फीस माफ कर दे और लोगो को राहत की सास लेने दे वही इस संस्था की तरफ से राज्य सरकार से इस वर्ष स्कूलों की फीस माफ करने की मांग किया गया है ।

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