
व्यापारी वीरेंद्र हत्याकांड की गुत्थी उलझी,पुलिस वैकफुट पर
- Hindi Samaachar
- Aug 12, 2018
- 300 views
पखवारे भर बाद भी आरोपियों का सुराग नहीं लगा सकी पुलिस
विधायक व सीओ ने हफ्ते भर में ही खुलासे का किया था दावा
सुलतानपुर । व्यापारी वीरेंद्र का अपहरण कर हुई नृशंस हत्या के मामले में पुलिस पखवारे भर बाद भी बैकफुट पर है। सप्ताह भर में ही खुलासे का दावा करने वाली पुलिस अभी तक घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा सकी है,जबकि इस ब्लाइंड मर्डर केस में जिले की कई पुलिस टीमें खुलासे के लिए लगी होनी बतायी जा रही है आैर उसकी मानीटरिंग भी पुलिस अधीक्षक स्वयं कर रहे है। ऐसे में मर्डर केस की गुत्थी आखिर कब सुलझेगी यह अहम सवाल बना है।
मालूम हो कि कोतवाली नगर क्षेत्र के आजाद नगर खैराबाद निवासी व्यवसाई वीरेंद्र जायसवाल बीते 26 जुलाई की शाम अचानक गायब हो गया। जिसके अपहरण व अनहोनी की आशंका जताते हुए उनके बड़े भाई राजेंद्र जायसवाल ने कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने मामले में भादवि की धारा 365 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की। अगले दिन वीरेंद्र जायसवाल के परिजनों को उसका शव प्रतापगढ़ जिले के अंतू थाना क्षेत्र स्थित लोहिया नगर बाजार के पास सड़क से बरामद होने की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव देखा तो वीरेंद्र का ही शव निकला। अंतू थाने की पुलिस ने वीरेंद्र के शव का पोस्टमार्टम कराया। व्यवसायी की हत्या से आक्रोशित परिजनों व शहरवासियों ने शव लेकर लौटते ही सड़क पर रखकर शाहगंज चौराहे के पास जाम लगा दिया आैर जमकर पुलिसिया कार्यशैली के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। व्यापारियों का आक्रोश देख मामले को शांत कराने के लिए सुलतानपुर विधायक सूर्यभान सिंह एवं क्षेत्राधिकारी नगर श्यामदेव मौके पर पहुंचे,जिन्होंने मृतक के परिजनों को हर संभव मदद दिलाने के अलावा सप्ताह भर में ही प्रकरण का खुलासा कर देने का दावा भीड़ व मीडिया के सामने ही किया था,फिर भी व्यापारियों का आक्रोश शांत नहीं हुआ तो देर रात डीएम-एसपी के हस्तक्षेप पर जल्द खुलासे व आर्थिक मदद के आश्वासन पर जाम हट सका।यह मामला अभी शांत नही हुआ था कि इसी के अगले दिन अवंतिका फूड माल के मालिक व भाजपा नेता आलोक आर्या पर जानलेवा हमला हो गया। तब से वह मामला वीरेंद्र जायसवाल की हत्या पर भारी पड़ गया। नतीजा यह रहा कि वीरेंद्र की हत्या के बजाय पुलिस की साख आलोक आर्या प्रकरण से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी से जुड़ गयी।इन्ही वारदातों को लेकर तात्कालीन कोतवाल श्याम सुंदर पांडेय एवं एसपी अमित वर्मा को कुर्सी भी गंवानी पड़ी। वीरेंद्र की हत्या हुए 15 दिन से अधिक का समय बीत चुका है,लेकिन पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी है। पुलिस की इस कच्छप गति की जांच से अंदर-अंदर व्यापारियों का भी भरोसा पुलिस के दावे से उठता जा रहा है। फिलहाल अभी तक खुलासा न हो पाने के पीछे ब्लाइंड मर्डर का ठीकरा फोड़ा जा रहा है।दरअसल में वीरेंद्र की हत्या किसने और क्यो किया,इसकी कोई ठोस वजह अभी तक सामने नही आ पाई है,वीरेंद्र के हत्यारे बहुत ही शातिर है,जिन्होंने बहुत सावधानी से प्रत्येक सबूतों को छिपाते हुए वारदात को अंजाम दिया है,माना यह जा रहा है कि इस वारदात में कोई न कोई ऐसा जरूर जुड़ा है जो वीरेंद्र के बहुत करीब रहा और उसकी प्रत्येक गतिविधियों से वाकिफ रहा।जिसका फायदा उठाकर बहुत सफाई से हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। फिलहाल अपराधी कितना भी शातिर हो लेकिन कोई न कोई गलती जरूर कर देता है और कुछ न कुछ सबूत छोड़ ही देता है,जिसकी वजह से आज नही तो कल उसे सामने आना ही आना है,लेकिन अपराधी की इसी गलती और छूटे सबूत तक पुलिस पहुँच नही पा रही है। इस संबंध में नगर कोतवाल वीके मिश्र से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि हर स्तर पर प्रकरण की जांच की जा रही है। फिलहाल अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं हासिल हुई है,वहीं क्षेत्राधिकारी नगर श्यामदेव विंद से उनके दावे एवं खुलासे के संबंध में बात की गयी तो उन्होंने कहा कि भीड़ का गुस्सा शांत करने के लिए उस समय सप्ताह भर में ही खुलासा कर देने का दावा किया गया था,जिसके लिए भरसक प्रयास भी युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि प्रकरण की मानीटरिंग पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स स्वयं कर रहे हैं। उनके मुताबिक शातिर अपराधियो ने बहुत ही सफाई से घटना को अंजाम दिया है,जिसकी वजह से जांच में कुछ दिक्कतें सामने आ रही है लेकिन जल्द ही प्रकरण का खुलासा कर दिया जायेगा।
रिपोर्टर