बदहाल स्टेडियम बना चारागाह

नुआंव, कैमूर से प्राची सिंह की रिपोर्ट

कैमूर ।। प्रखण्ड के परानपुर मौजा में बने स्टेडियम की चहारदीवारी टूट गई है। बदहाल स्टेडियम चारागाह बना है। चाहरदीवारी विहीन स्टेडियम में खेलना खिलाड़ियों की मजबूरी है। कारण कि और कोई स्टेडियम नहीं है। ढही चाहरदीवारी के चलते स्टेडियम खुला हो गया है। जिसमें चरवाहे पशु चरा रहे हैं। पशुओं के पैर के निशान से मैदान में जगह-जगह गड्ढे उभर गए हैं। गड्ढे के बीच खिलाड़ियों को दौड़ने खेलने में परेशानी होती है। सुबह-शाम स्टेडियम में अच्छे-खासे खिलाड़ी जमा होते हैं। जिनमें लड़कों के साथ कुछ लड़कियां भी अभ्यास करने आती हैं। जिन्हें खुले स्टेडियम में दौड़ना नागवार लगता है। स्टेडियम की हालत दिनोंदिन बदत्तर होती जा रही है। जिसकी हालत देख खिलाड़ी चिंतित हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में वोट मांगने और प्रचार करने नेता घर-घर पहुँच रहे हैं, लेकिन स्टेडियम की सुधि लेनेवाला कोई नहीं है। डेढ़ दशक पूर्व तत्कालीन खेल मंत्री जनार्दन सिंह सिकरिवाल के कोष से बने इस स्टेडियम में मरम्मत के नाम पर एक रुपये भी खर्च नहीं हुए। जिसका आलम यह है कि आज स्टेडियम चारागाह बना है। स्टेडियम में आज तक एक पेड़ भी नहीं लगा। जिसके छाया में बैठ खिलाड़ी आराम कर सकें। इस वर्ष जल-जीवन हरियाली के तहत स्टेडियम में चार सौ पौधे लगाए गए थे। जिसमें एक भी नहीं बचा। कुल मिलाकर ग्रामीण खिलाड़ियों को खेल के प्रति बढ़ावा देने के लिए बना स्टेडियम प्रशासनिक अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार बनकर रह गया है।

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