बिल्डरों को फायदा देने के लिए अलग किए गए गांव - गणपत गायकवाड़ विधायक

कल्याण : सत्ताधारी राज्य सरकार व शिवसेना पर 18 गांव पर मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कल्याण पूर्व के विधायक गणपत गायकवाड़ ने कहा कि राज्य सरकार के 18 गांवों के स्वतंत्र नगरपरिषद के निर्णय को नकारते हुए न्यायालय ने फैसला दिया है, 27 गांवों की स्वतंत्र नगरपरिषद की स्थापना होनी चाहिए थी लेकिन 27 गांव में से 9 गांवों को राजनैतिक फायदे के लिए मनपा में रखा गया जिसके पीछे बिल्डर लॉबी का हाथ है तथा इसी कारण जानता को भरमाया जा रहा है।


27 गांव के लिए अलग नगरपरिषद बनाया जाना चाहिए था टीडीआर नगरपरिषद में कम मिलेगा लेकिन महापालिका में ज्यादा मिलेगा ऐसा होने पर भी ग्रामीणों की भावना थी कि स्वतंत्र नगरपरिषद की ही स्थापना इसलिए भाजपा नगरपरिषद के लिए तैयार थी लेकिन जब 27 गांव में से 9 गांव अलग कर दिए गए तो किसी भी नेता ने आवाज नही उठाई। 9 गांव को अलग करने का मतलब यही था कि अपनी सुविधानुसार राज्य सरकार द्वारा काम किया गया तथा इसका कोई अन्य मतलब नही था और यह गलत है ऐसा गणपत गायकवाड़ ने कहा।

निर्विरोध चुनाव करने वाले गांव को 25 लाख

गणपत गायकवाड़ ने कहा कि अंबरनाथ तहसील के 9 गांव मेरे विधानसभा क्षेत्र में आते हैं, पूरा देश कोरोना के संकट व आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। चुनाव के समय यदि ग्रामवासी एक व्यक्ति का चुनाव करते हैं तो इससे सरकारी तंत्र भी कोरोना काल के चलते राहत महसूस करेगा और जिस गान में कोई निर्विरोध निर्वाचित होगा उस गांव को वह 25 लाख रुपए की निधि प्रदान करेंगे।

रिपोर्टर

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