27 गांव मामला - राष्ट्रवादी कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा उपमुख्यमंत्री को पत्र

सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने का अनुरोध


कल्याण : कल्याण डोंबिवली मनपा में 27 गांव की स्वतंत्र नगर परिषद की मांग की जा रही थी जिस पर वर्तमान सरकार ने निर्णय लेते हुए 18 गांवों को अलग कर दिया था तथा बचे हुए 9 गांव को कल्याण डोंबिवली मनपा के अधीन ही रखा गया था। इन 18 गांवों का भी मनपा में समावेश हो इसे लेकर विकासक तथा कुछ नगरसेवकों ने मुंबई उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया जिस पर निर्णय देते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने 18 गांवों को भी कडोमनपा में शामिल करने का निर्णय सुनाया।

मंगलवार को कल्याण जिला राष्ट्रवादी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जगन्नाथ (अप्पा) शिंदे तथा कार्याध्यक्ष वंडार पाटिल द्वारा उच्च न्यायालय के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देकर सहयोग करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से भेंट की गई। 27 गांव के लिए संघर्षरत समिति का यह मानना है कि आघाडी सरकार द्वारा 18 गांव को अलग करते समय गांव के लोगों को विश्वास में नही लिया गया तथा इस पक्ष को मुंबई उच्च न्यायालय के सामने भी नही लाया गया। जगन्नाथ शिंदे तथा वंडार पाटिल द्वारा इस पत्र के माध्यम से यह मांग की गई है कि 18 गांव के लिए दिए गए उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में सरकार द्वारा चुनौती दी जाय तथा 27 गांव के लिए स्वतंत्र नगर परिषद की स्थापना के लिए सहयोग किया जाय।उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे पर वह स्थानीय लोगों के साथ हैं तथा हरसंभव मदद करेंगे। जगन्नाथ शिंदे व वंडार पाटिल के साथ 27 गांव संघर्ष समिति के सचिव गजानन माँगरुलकर, लालचंद भोईर तथा रमेश पाटिल भी उपस्थित रहे।

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