कल्याण में घायल पक्षी को बचाने के लिए आगे आए पूर्व नगरसेवक

कल्याण : मकरसंक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है लेकिन यह परंपरा पक्षियों के जीवन मे भारी संकट लेकर आती है और प्रयोग होने वाले चायनीज मांजे से इनकी गर्दन कट जाती है और अक्सर मौत हो जाती है। हालांकि तमाम पक्षी प्रेमी ऐसे मांजे की बिक्री का विरोध करते हैं लेकिन प्रशासन के सख्त न होने से इनका विरोध नाकामयाब साबित होते हैं। इन्ही चायनीज मांजे की वजह से कल्याण डोंबिवली में भी पांच पक्षियों के मौत की खबर सामने आई है।


कल्याण पश्चिम के पूर्व नगरसेवक उमेश बोरगांवकर को वनश्री संकुल परिसर में एक पक्षी बिजली के तार पर तड़पता दिखाई दिया जिस पर उन्होंने उसे बचाने के लिए तत्काल दमकल विभाग को सूचित किया और दमकल कर्मियों ने पक्षी को तार से नीचे उतारा और पाया कि पक्षी की गर्दन मांजे की वजह से कट गई थी उसे चिकित्सा के लिए भेजा जाता इससे पहले ही उसकी मृत्यु हो गयी।

इकोड्राइव यंगस्टर फाउंडेशन की तरफ से आयुक्त से पहले ही यह मांग की गई थी कि नायलॉन और चायनीज मांजे की बिक्री करने वालों पर दंडात्मक कार्यवाही करें लेकिन इस पर कोई सकारात्मक कदम नही उठाया गया। इस फाउंडेशन की तरफ से पक्षियों व पशुओं के लिए दफन भूमि के आवंटन की भी मांग की गई है।

रिपोर्टर

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