संत राजकिशोर खरे ने अपने अनुयायियों के संग किया धर्म स्थलों का भ्रमण

राजस्व निरीक्षक राजकिशोर खरे की नेतृत्व में महर्षि बाल्मीकि का तपोस्थली और  पूरे विश्व का केंद्र बिंदु जो ब्रह्मा जी की की द्वारा स्थापित किल का दर्शन हुआ l

उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर मैं स्थित दार्शनिक स्थलों का भ्रमण किया l   प्रथम भ्रमण इस्कॉन टेंपल अर्थात अंतरराष्ट्रीय कृष्णा समिति कृष्णा समिति जो विदेशों में भी बनाया गया है l अपने भारतीय संस्कृत  और धर्म की प्रचार प्रसार किया गया l जिसका शिलान्यास 2010 में महाराज  प्रभु पद के द्वारा हुआ के द्वारा हुआ lअपनी श्रद्धा भक्ति से श्रद्धालुओं का सेवा करते हैं l

दूसरा भ्रमण सुधांशु जी महाराज का आश्रम महाराज का आश्रम जहां पर माता वैष्णो की गुफा का दर्शन प्राप्त हुआ lभगवान भोलेनाथ हिमालय पर माता पार्वती और अपने दोनों पुत्रों कार्तिकेय और गणेश के साथ में दर्शाया गया था जिस का चित्रण चित्रण बहुत ही अनोखा था l

तृतीय भ्रमण महर्षि बाल्मीकि जी की आश्रम जहां पर जहां पर माता सीता को गर्भावस्था में परियत गंगा नदी के किनारे किया गया था ,और माता सीता  को नदी  पार गंगा जी को पार करने के बाद महर्षि वाल्मीकि जी के आश्रम में पनाह ली और महर्षि बाल्मीकि जी का का कृपा माताजी को मिला जहां पर लव और कुश की उत्पत्ति हुई l वहीं पर शिक्षा-दीक्षा  लिया ,आज भी आश्रम में छोटे-छोटे बच्चे लव कुश की तरह की तरह शिक्षा ग्रहण करते, खेलते नजर आ रहे थे l जिससे वहां की सुंदरता और छटा और बढ़  गया l 

चौथा भ्रमण  हम सभी लोगों ने  ब्रह्मा व्रत  जो पूरे विश्व का  केंद्र बिंदु  माना जाता है  l जहां पर  मान्यता के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने  स्वयं एक कील गाड़ा गाड़ा था , जो  आज भी विद्यमान है l बताया जाता है  गंगा जी  जब अपने पूरे बैग में होती है  ,और जल स्तर बढ़ जाता है ,पर वह जो केंद्र बिंदु और और और भगवान  ब्रह्मा जी के द्वारा गाढ़ा गया l

  पांचवा भ्रमण  हम सभी लोग  हनुमान मंदिर  का किया  जहां का विशेषता यह रहा  कि 40 फीट का  मूर्ति स्थापित किया गया है l जिसमें स्वयं वहां के मठाधीश  बाबा जी सीता राम जी जी राम जी जी सीता राम जी जी राम जी जी ने मूर्ति का स्थापना किया है , अपने  परम गुरु राम जी के दिशा निर्देशन मेंl  उनके गुरु राम जी  का यह मानना था ,कि जब हम किसी संकट में होते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और अंत में लिखा गया लिखा गया गया है  -जो यह पढ़े हनुमान चालीसा lहोय सिद्धि साखी गौरी सा llपर  उनके गुरु राम जी ने कहा जी ने कहा ,जहां पर चालीसा को पढ़ने के बाद हमें उसका प्राप्ति होता है  और सुंदर भय से मुक्ति प्रदान होता है lतो वहां पर अगर इस 40 फुट 40 फुट का हनुमान जी   प्रतिबिंब दिखाइए  तो उसका जीवन धन्य हो जाएगा  l

छठा भ्रमण  हम सभी लोग  अंग्रेजों के पसीने  और छक्के छुड़ा देने वाली,  हमारी देश की  वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई  कार्यस्थल  भी देखा गया l

 सातवां भ्रमण  हम सभी लोग  सतयुग में  राजा उत्तानपाद के द्वारा उत्पन्न  सपूत  ध्रुव जी की तपोस्थली जिस किला पर बैठ करके उसने परमात्मा का स्मरण किया था ,तपस्या किया था  lजहां पर भगवान विष्णु ने उन्हें अपना दर्शन देकर कृतार्थ किया , और उसके बाद 36000 वर्षों तक उन्होंने राज्य  किया, उनका तपोस्थली देखा  l 

आठवां भ्रमण साईं धाम का छठा देखने योग्य था था छठा देखने योग्य था था देखने योग्य था था ,जब हम सभी लोग उस धाम में प्रवेश किए ,तो वहां के पुजारी  अजीत तिवारी ने सभी लोगों का सम्मान के साथ बाबा का प्रसाद कम था और माला  अर्पण किया l ऐसा प्रतीत हो रहा था कि आज हम सभी  लोगों को आदि शक्ति स्वरूपा कुछ विशेष कार्य का आयोजन का शुभारंभ करना चाहती हैं करना चाहती हैं l    ऐसा प्रतीत हो रहा था की आदि शक्ति स्वरूपा उत्तर प्रदेश के कई जिलों से अपने चुने हुए बच्चों को बुलाकर किसी विशेष कार्य का संपादन करना चाहती है है lसमूह में सतीश  सचान, सुरेंद्र सिंह पूर्व प्रवक्ता ,ओम प्रकाश गुप्ता उर्फ ओम कर्मयोगी, रमाकांत पूर्व रीडर उप जिलाधिकारी जिलाधिकारी,  डॉ राजेंद्र प्रसाद केसरी, प्रबंधक अमर ज्योति विद्यालय वाराणसी ,अखिल भारतीय समाचार के रिपोर्टर मनोज कुमार पाल ,राजेश कुमार शर्मा -प्रबंधक सर्वेश्वरी शिशु विकास विद्या मंदिर वाराणसी  धर्मेंद्र सिंह,आदि लोगों ने दर्शन प्राप्त किया l

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट