बच्चों व परिजनों की रहती थी फिक्र, इसलिए वैक्सीन की दोनों डोज ली

बक्सर ।। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद लोगों में वैक्सीन के प्रति जागरूकता अधिक बढ़ गयी है। जो जिला प्रशासन, स्वास्थ्य समिति और अन्य सहयोगी विभागों के संयुक्त अभियान की बदौलत ही संभव हो सका है। लेकिन, इन सब के बीच जिले के बुद्धिजीवी और युवा भी इस जागरूकता अभियान में पीछे नहीं रहे। इन लोगों ने न केवल संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई  में लोगों को प्रेरित किया है, बल्कि वैक्सीन लेकर युवाओं व अन्य वर्ग के लोगों को टीकाकरण के प्रति सकारात्मक सन्देश भी दिया। इन्हीं में से एक टीकाकरण के अग्रणी दूत हैं जयप्रकाश सिंह। जो जिला मुख्यालय स्थित  रेडिएंट पब्लिक स्कूल के निदेशक के साथ साथ समाजसेवी भी हैं। जयप्रकाश ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन को पूरी तरह से कारगर माना और अब अपने स्कूल के शिक्षकों, कर्मचारियों के साथ साथ बच्चों के अभिभावकों को टीकाकरण के लिए प्रेरित (मोबलाइज) कर रहे हैं।

दूसरी लहर के बाद से बढ़ी चिंता 

जयप्रकाश सिंह ने बताया, कोरोना की दूसरी लहर में जिले के हजारों लोग संक्रमित हुए और कइयों की जान भी गयी। जिसे देखकर चिंता सताने लगी। घर से बाहर जाने से भी डर लगा रहता था कि कहीं घर लौटने के समय वायरस को तो साथ में नहीं ला रहा। हालांकि, पूरे कोरोना  काल में कोविड-19 के सभी नियमों का पूरी तरह से पालन तो किया, लेकिन बच्चों व परिवार के अन्य लोगों के प्रति भी चिंता लगी रहती थी। जिसके बाद उन्होंने वैक्सीन लेने के साथ साथ दूसरे लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की ठानी। 

स्वास्थ्य विभाग और डब्ल्यूएचओ की साइट्स से दूर हुई भ्रांति :

जयप्रकाश सिंह का कहना है कि शुरुआती दौर में वैक्सीन और संक्रमण को लेकर काफी भ्रांतियां थी। जिसको दूर करने और अपना ज्ञानवर्धन करने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक व डब्ल्यूएचओ की साइट्स का सहारा लिया। जिसके बाद वैक्सीन व उससे जुड़ी भ्रांतियों को लेकर उनके मन का डर समाप्त हो गया। उसके बाद वैक्सीन व संक्रमण को लेकर वह लोगों को तथ्यों व आंकड़ों के साथ जानकारी देते और उसपर चर्चा करते। धीरे धीरे उनके स्कूल के शिक्षक व कर्मचारी भी उनकी बातों पर भरोसा करने लगे और वैक्सीन के लिए दूसरों को प्रेरित करने लगे।

बच्चों के लिए वैक्सीन आते ही, स्कूल के सभी बच्चों को कराएंगे टीकाकृत :

कोरोनकाल  में फिलहाल तो 10वीं के नीचे सभी कक्षाओं का  संचालन बंद है। जिसके कारण फिलवक्त ऑनलाइन क्लासेस आयोजित कराई जा रही हैं । लेकिन, अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ उनके स्वास्थ्य की भी चिंता लगी रहती है। जय प्रकाश सिंह ने कहा, जब सरकार की ओर से 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों और किशोरों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी, तब वह अपने स्कूल के सभी बच्चों को वैक्सीन दिलवाएंगे। ताकि, सभी बच्चे संक्रमण के प्रबल प्रभाव से सुरक्षित हो सकें और स्कूल आने में सक्षम हो सकें। हालांकि, स्कूल में नामांकित बच्चों के अभिभावक उनके सम्पर्क में रहते हैं। जिन्हें वह वैक्सीन लेने के साथ साथ बच्चों को कोविड-19 के नियमों का पाठ पढ़ाने की अपील करते हैं ।

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