अंबरनाथ स्टेशन हत्या के मामले में साल बाद साधु दोषी करार

कल्याण ।। ट्रेन में सफर के दौरान साधु द्वारा किये गए हमले से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी। चश्मदीद गवाहों तथा पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर कल्याण सेशन कोर्ट ने छह साल बाद साधु को दोषी करार दिया है। 
   
ज्ञात हो कि कर्जत से मुंबई की तरफ जाने वाली एक लोकल ट्रेन में मृतक मारुति नारायण शिर्के (48) अपने दोस्त गोपाल मुकुंद जांबोलकर के साथ 21 अप्रैल 2015 को यात्रा कर रहे थे। यात्रा के दौरान एक गेरुआ वस्त्र धारी साधु दिलीप वंशराम शर्मा उर्फ दिलीप बंगाली(60) निवासी कर्जत तथा मूल निवासी श्याम बाजार, कोलकाता से किसी विषय पर बहस हो गयी थी। रात साढ़े नौ बजे के दरम्यान लोकल अंबरनाथ स्टेशन पर पहुंची ठीक उसी समय फिर से दोनों में बहस हुई गुस्साए साधु ने पास में रखे सब्जी काटने वाले चाकू से शिर्के के दाहिने बांह पर हमला कर दिया। 
   
खून से लथपथ शिर्के अंबरनाथ स्टेशन मास्टर कार्यालय पर जाने की कोशिश किया, लेकिन वहां पहुंचने के पहले प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर स्थित अंबिका स्टोर के सामने गिर पड़ा। जख़्मी अवस्था में शिर्के को उपचार के लिए उल्हासनगर के मध्यवर्ती अस्पताल में भर्ती किया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि अधिक रक्तश्राव और शॉक के कारण शिर्के की मृत्यु हुई है। 
     
इस घटना की जांच कर रहे तत्कालिन इंस्पेक्टर रमेश दिनकर भोसले ने पाया कि स्टेशन पर काम करनेवाले वेंडर फूलसिंह जगदीश कुशवाहा ने पूरी घटना का चश्मदीद है तथा उसी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच अधिकारी भोसले ने गहनता से जांच करते हुए आरोपी साधु का फोटो सभी स्टेशनो पर वायरल कर दिया।  कर्जत पुलिस ने आरोपी की पहचान कर कल्याण पुलिस को सूचना दी जिसके बाद आरोपी को कर्जत से गिरफ्तार कर लिया गया। 
   
कल्याण सेशन कोर्ट में पब्लिक प्रोसिक्यूटर वाई एम पाटिल तथा आरोपी की वकील तृप्ति पाटिल के द्वारा दी गयी दलीलों को माननीय न्यायाधीश ने गहनता से अध्ययन किया तथा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि साधु द्वारा की गई हत्या गैर इरादतन थी। खून के गुनाह में न्यायलय ने साधु को सश्रम कारावास की सजा तथा 500 रूपए जुर्माना सुनाया , जुर्माना न अदा करने की स्थिति में साधू को 7 दिन की अतिरिक्त सजा और भुगतनी पड़ेगी। इस मामले में छः साल 4 महीना 3 दिन बाद 21 दिसंबर 2021 को कल्याण सेशन कोर्ट के अडिशनल सेशन जज राजीव पांडेय द्वारा यह निर्णय दिया गया है।

रिपोर्टर

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