अवैध निर्माण की शिकायत करने पर पत्रकार पर जानलेवा हमला


मानपाड़ा पुलिस राजनैतिक दबाव में काम कर रही है -परिजन

अब तक मुख्य आरोपी फरार, पुलिस बता रही है संसायित

कल्याण : डोंबिवली पूर्व के निलजे में रहने वाले सोसल मीडिया के पत्रकार रमेश देवरुखकर अनाधिकृत निर्माण के प्रति अपनी आवाज बुलंद रखते हुए स्थानीय लोगों को जागरूक रखने का प्रयत्न करते थे यही बात अवैध निर्माण करने वाले उन बिल्डरों को नागवार गुजरी जिनके खिलाफ उसने खबर चलाई थी तथा इसी के कारण पत्रकार रमेश पर 10 दिन पूर्व प्राणघातक हमला कर उसे जान से मारने का प्रयास किया, पत्रकार अब भी जिंदगी व मौत के बीच अस्पताल में संघर्ष कर रहा है। पत्रकार के परिजन इस घटना में खुले तौर पर जिस बिल्डर का नाम ले रहे हैं उन्हें मानपाड़ा पुलिस द्वारा संसयित आरोपी बनाया गया है जब कि हमले में गिरफ्तार हुए लोग उसी बिल्डर के यहां काम करते हैं तथा उक्त संसयित आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी न होने से परिजन असन्तुष्ट हैं।

रमेश देवरुखकर पिछले कई माह से लगातार गजानन पाटिल के अवैध निर्माणों के खिलाफ खबर लगा रहे थे साथ ही महानगरपालिका, जिलाधिकारी कार्यालय में भी शिकायत की थी, जिसके कारण कार्यवाही की तलवार गजानन पाटिल तथा उसके पार्टनर डीके सिंह पर लटक रही थी। परिजनों का कहना है कि गजानन पाटिल द्वारा कुछ दिन पहले ही रमेश को धमकी भी दी गई थी जिसकी शिकायत मानपाड़ा पुलिस में की गई थी। 5 जनवरी को रात 8.40 पर 5-6 लोगों नें धारदार हथियार से रमेश के ऊपर प्राणघातक हमला कर दिया जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया जहां पर डॉक्टरों नें उनके सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट तथा स्वर यंत्र में गड़बड़ी आ जाने की बात कही है। रमेश अब तक पूरी तरह से चैतन्य नही हो सके हैं।

रमेश देवरुखकर की पत्नी ममता नें बताया कि गजानन पाटिल एक पार्टी से संबंध रखते हैं जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी को नजरअंदाज किया जा रहा है। मानपाड़ा पुलिस जिसे संसयित आरोपी बता रही है गिरफ्तार हमलावरों में उनका ड्राइवर तथा उनके कार्यालय में काम करने वाले लोगों का भी समावेश है। रमेश की रिश्तेदार जिसकी शिकायत पर मानपाड़ा पुलिस में मामला दर्ज हुआ था माधुरी गाड़े नें बताया कि रमेश के अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाने से गजानन पाटिल व डीके सिंह बुरी तरह बौखला गए जिसके कारण यह हमला किया। यह मामला जानलेवा होने के बावजूद मानपाड़ा पुलिस राजनैतिक दबाव में 307 व एट्रोसिटी के तहत मामला नही दर्ज कर रही है। फिलहाल मानपाड़ा पुलिस के जांच अधिकारी एपीआई बी सी वंजारे ने बताया कि इस मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं तथा संसयित जिन्हें घोषित किया गया है वह अब तक पुलिस की गिरफ्त से घटना के 10 दिन से ज्यादा बीतने पर भी फरार है। 

मनपा की कार्यप्रणाली भी संसय में

रमेश देवरुखकर नें अवैध निर्माण की शिकायत कल्याण डोंबिवली मनपा के कार्यालय में की थी तथा कई माह बीत जाने पर भी जब कार्यवाही नही हुई तो वह उपोषण पर बैठने वाले थे। एक तरफ मनपा आयुक्त यह दंभ भरते हैं कि अवैध निर्माणों को संरक्षण नही दिया जाएगा वहीं दूसरी तरफ शिकायत पर संज्ञान न लेना मनपा की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

रिपोर्टर

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