कालाजार उन्मूलन के लिए दवाओं के छिड़काव के साथ पूर्व में प्रभावित इलाकों में होती है मरीजों की खोज

• जिले के अधिकारियों को आज दिया जायेगा ऑनलाइन वर्चुअल प्रशिक्षण

• कालाजार से प्रभावित क्षेत्रों में होगा सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक का छिड़काव  

बक्सर ।। जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अभियान शुरू हो चुका है। जिसमें जिले के कालाजार से प्रभावित इलाकों में कालाजार उन्मूलन के लिए सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक का छिड़काव शुरू किया जाएगा। साथ ही, आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा लोगों को मच्छरदानी लगाकर सोने, घरों के आसपास साफ-सफाई रखने और नालियों को साफ रखने आदि के लिए जागरूक भी किया जायेगा। ताकि, लोगों को वेक्टर जनित रोग जैसे कालाजार, मलेरिया, डेंगू से बचाव के लिए प्रेरित किया जा सके। हालांकि, कालाजार रोग को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार काफी गम्भीर है। जिसको लेकर साल में दो बार कालाजार उन्मूलन के लिए दवाओं का छिड़काव होता है, साथ ही पूर्व में प्रभावित इलाकों में शिविर लगाकर कालाजार के नए मरीजों की खोज भी की जाती है।

अधिकारियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण :

जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोलर ऑफिसर डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, जिले में दवाओं का छिड़काव जल्द शुरू होगा। लेकिन, इसके पूर्व सोमवार को कालाजार से संबंधित सभी अधिकारियों को जूम के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके लिए मलेरिया कार्यालय के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने कैमूर, रोहतास, गया, औरंगाबाद व जमुई को छोड़ कर अन्य जिलों के लिए पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की लक्ष्य प्राप्ति अपने अंतिम चरण में है। जिसको लेकर वर्चुअल प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें वीबीडीसी, केयर इंडिया के डीपीओ, केबीसी व वीबीडीएस को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके लिए एनसीवीबीडीसी, गोल व डब्लूएचओ के सहयोग से कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम में परिचालन परिभाषा से संबंधित पुस्तिका भी उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित व्यवस्था :

डॉ. शैलेंद्र कुनार ने बताया, अभियान के दौरान प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीम द्वारा तीन वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा। ताकि एक भी संक्रमित मरीज छूटे नहीं और सभी मरीजों को ससमय संक्रमण की जानकारी मिल सके। ताकि मरीजों का समय पर इलाज शुरू हो सके और अन्य लोग भी सुरक्षित रह सकें। उन्होंने बताया, लोगों को कालाजार का लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए। साथ ही, चिकित्सकों के सलाह के अनुसार उचित व समुचित इलाज कराना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में जांच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।


कालाजार के लक्षण :

- लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना। 

- वजन में लगातार कमी होना।

- दुर्बलता।

- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।

- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।

- प्लीहा में नुकसान होता है।


छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल : 

- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें

- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें

- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें

- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे

- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें

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