22 अप्रैल को एक से 19 साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की खिलाई जायेगी
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Apr 16, 2022
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• राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम को लेकर सदर बीआरसी में शिक्षकों को दी गई जानकारी
• शिक्षकों को कृमि फैलने के कारणों व दवा खिलाने के बाद सावधानियों के बारे में बताय गया
बक्सर ।। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की सफलता को लेकर तैयारियां शुरू है। इस क्रम में सदर प्रखंड स्थित बक्सर बीआरसी में शनिवार को शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने शिक्षकों को दवा की खुराक दिए जाने के संबंध में पूरी जानकारी दी। उन्होंने कृमि फैलने के कारणों और दवा खिलाने के बाद सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान सदर पीएचसी के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह ने बताया, बक्सर सदर प्रखंड समेत पूरे जिले में 22 अप्रैल को एक से 19 साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलानी हैं। वहीं, जो बच्चे दवा खाने से छूट जायेंगे, उनके लिए 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड चलाया जायेगा। ताकि, कोई भी बच्चा दवा खाने से वंचित न रहे। प्रशिक्षण में बीआरपी संदीप आर्य, अजय कुमार, बृजबिहारी राय, प्रखंड प्रसार प्रशिक्षक मनोज कुमार समेत अन्य शिक्षक शामिल रहें।
उम्र के अनुपात में दवा का सेवन कराया जायेगा :
शिक्षकों को जानकारी देते हुए बीएचएम प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा स्वस्थ समाज के लिए 22 मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया है। शरीर में कृमि होने के कारण पोषक तत्वों का शरीर को लाभ नहीं मिल पाता है। इसके कारण बच्चों को अनेक प्रकार की बीमारियां भी परिजीवियों के कारण पैदा होती हैं। स्कूल में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं को उन्होंने अल्बेंडाजोल की उम्र के हिसाब से गोली खिलाने की बात कही। बताया कि बच्चों को उम्र के अनुपात में दवा का सेवन कराया जायेगा। एक से दो वर्ष के बच्चे को आधी गोली को चूरकर स्वच्छ पानी में मिलकर चम्मच से पिलाना है। दो से तीन वर्ष तक के बच्चे को एक पूरी गोली चूरकर पानी के साथ देना है। वहीं, तीन से 19 वर्ष तक के बच्चे को पूरी एक गोली चबाकर पानी के साथ खिलानी है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है।
अधिक कृमि भार वाले बच्चों में हल्के साइड इफेक्ट की संभावना :
बीएचएम प्रिंस कुमार सिंह ने कहा, शिक्षक यह सुनिश्चित करें कि बच्चों के माता-पिता / अभिभावकों को उपलब्ध माध्यम जैसे स्कूल प्रबंधन समिति बैठक, अभिभावक अध्यापक बैठक या अन्य तरीके से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की जानकारी दें। अधिक कृमि भार वाले बच्चों में हल्के साइड इफेक्ट होने की संभावना होती है। जो आमतौर पर गंभीर किस्म के नहीं होते हैं और जल्द ठीक हो जाते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवर्स इवेंट से निपटने के लिए पूरी तैयारी करनी है। दवा खिलाने के बाद बच्चे को तत्काल घर नहीं भेजना है। यदि इसके बाद किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न होती है तो इसकी जानकारी अस्पताल को दिए जाने पर तत्काल एंबुलेंस मौके पर पहुंचेगी। जहां विशेषज्ञों द्वारा आवश्यक उपाय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि पर सभी बच्चे स्कूल पर मौजूद रहें। इसे लेकर उन्होने जागरूकता अभियान चलाने को कहा। बीएचएम ने सभी को एक ही दिन दवाओं की खुराक दिए जाने की प्राथमिकता दिए जाने की बात कही।
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