
एक भी लाभार्थी न छूटे, इसलिए 11 मई तक चलेगा मिशन इंद्रधनुष का तीसरा चक्र
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- May 05, 2022
- 353 views
- 5420 बच्चे व 894 गर्भवतियों को टीका देने के लिए 452 सत्र स्थलों का होगा संचालन
- अभियान के तहत बच्चों को 12 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए दी जाएगी वैक्सीन
आरा ।। जिले में मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीसरे चरण के तहत जिले में दो साल तक के बच्चों व गर्भवतियों को नियमित टीका दिया जा रहा है। जिसमें कोरोनाकाल में अपरिहार्य कारणों से नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों व लाभुकों को टीका दिया जाना है। दो मई से शुरू हुआ यह अभियान, 11 मई तक संचालित किया जायेगा। ताकि, एक भी लाभार्थी न छूटे। साथ ही, सुदूर ग्रामीण इलाकों के लाभुक बच्चे और महिलाओं को टीकाकृत किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने जिला के कुल 452 सेशन साइट पर कुल 5420 बच्चों और 894 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दौरान नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची बनाई गई है। इन बच्चों को 12 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए इस अभियान के दौरान टीका लगाया जाएगा। इसको लेकर आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वह अपने क्षेत्र के छूटे हुए बच्चों की सूची बनाकर टीकाकरण करवाएं। वहीं, घर-घर जाकर बच्चों को नजदीकी टीकाकरण केंद्र तक ले जाएं और उनका टीकाकरण कराएं।
गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया, पूर्व में बनाई गई सूची के आधार पर विभिन्न सत्र स्थलों पर टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं। जहां पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। सूची के अनुसार ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्र को अच्छादित किया जा रहा है। उन्होंने बताया, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता है, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को भी बढ़ावा मिलता है। साथ ही, बच्चों का शारीरिक विकास बेहतर तरीके से होता है। उन्होंने जिले के सभी लाभार्थियों से अपील किया कि जो लोग भी अभी तक अपने बच्चे का नियमित टीकाकरण नहीं करवा पाएं हैं, वो अपने नजदीकी सत्र स्थलों पर जाकर निश्चित रूप से टीकाकरण कराएं।
प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है :
मिशन इंद्रधनुष अभियान के माध्यम से टीका से छूटी हुई गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जागरूक कर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है। नियमित टीकाकरण का आयोजन जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी होता है। इसके माध्यम से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के अलावा जेई (जापानी बुखार) के टीके लगाए जाते हैं। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। इसके साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है। टीकाकरण से सुरक्षित प्रसव होता है।
रिपोर्टर