साढ़े ग्यारह करोड़ रुपये के सरकारी मुआवजा धोखाधड़ी के मामले में नायब तहसीलदार फरार गिरफ्तार आरोपियो‌ की संख्या 17

भिवंडी।। भिवंडी के नंदीठाणे गांव में से मुंबई - बडोदरा कॉरिडोर मार्ग जाने से कई किसानों की जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया है। इन‌ खेती की जमीनों के बदले सरकार किसानों को मुआवजा दे रही है। इसी गांव के रहने वाले 9 किसानों के साथ मुआवजे की रकम में धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया था। फर्जी किसानों ने फर्जी दस्तावेज़ के सहारे किसानों के लिए आयी मुआवजे की रकम 11 करोड़ 66 लाख 64 रुपये को हड़प लिए था। शांतिनगर पुलिस ने इस मामले को दर्ज कर कुल 15 आरोपियो को भिवंडी कोर्ट में हाजिर किया था। जहां पर सभी आरोपियो को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इस प्रकरण का मुख्य आरोपी व मास्टर माइंड भिवंडी प्रांत कार्यालय का नायब तहसीलदार विठ्ठल गोसावी का नाम सामने आने से गोसावी फरार हो चुका है। इस प्रकार की जानकारी शांतिनगर पुलिस थाना के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शीतल राउत ने दी है। गोसावी का नाम आने से भिवंडी का प्रांत कार्यालय एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस प्रकरण में अभी और अधिकारी व कर्मचारियों के नाम का खुलासा हो सकता है। जिसके कारण कार्यालय में हड़कप मचा हुआ है। बतादें यह वही नायब तहसीलदार है जो तीन महिना पूर्व 24 फरवरी को अपने दो निजी सहयोगी के माध्यम से रिश्वत लेते हुए मुंबई की एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। हालांकि इस मामले में महज 24 घंटे में जमानत मिलने के बाद उन्होंने मैट कोर्ट में निलंबन को चुनौती दी थी और पुनः भिवंडी प्रांत कार्यालय में हाजिर होने के लिए मनसूबा पालकर रखा हुआ था। किन्तु अभी फिर 11.5 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में नाम सामने आने से फरार हो चुका है। इस प्रकरण में शांतिनगर पुलिस ने 15 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था इसके बाद जांच में साखराबाई उर्फ अनिता बाबा साहेब वाघमारे व संतोष दत्तात्रय मोरे ऐसे दो लोगों का नाम सामने आने से उन्हें भी शांतिनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया अभी तक इस मामले में कुल 17 लोगों को गिरफ्तारी हो चुकी है।

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