भिवंडी पालिका के करमूल्यांकन विभाग का घोटाला उजागर, टैक्स बकाया होने पर जब्त की संपत्ति का 27 लाख रुपये टैक्स कंप्यूटर से गायब

भिवंडी।। भिवंडी पालिका के करमूल्यांकन का अजीबोगरीब कारनामा उजागर हुआ है। जहां पर एक संपत्ति का टैक्स 27 लाख रुपये बकाया होने पश्चात आयुक्त के आदेशानुसार संपत्ति को सीलकर पालिका प्रशासन ने जब्त कर लिया था। किन्तु कुछ दिन बाद उसी संपत्ति का बकाया टैक्स 27 लाख रूपये कंप्यूटर से गायब हो गया। इतनी बड़ी रकम कंप्यूटर से गायब होने पर शिवसेना के शहर सचिव महेन्द्र कुंभारे ने आयुक्त को निवेदन पत्र कर इसकी जांच करवाने तथा करमूल्यांकन विभाग के संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। निवेदन पत्र के अनुसार लीलाराम सुंदर लाल सिंधी की गौरी पाडा स्थित तल अधिक सात मंजिला अवैध इमारत को कर मूल्यांकन विभाग ने वर्ष 2012 में टैक्स लगाया था। इसके साथ ही इस इमारत का 815/0 नंबर जारी किया था। वर्ष 2017-18 में इस इमारत पर 19,37,608 रुपये टैक्स बकाया होने पर पालिका प्रशासन ने इस इमारत को जब्त कर लिया था। इसके साथ ही एक अप्रेल 2018 से 31 मार्च 2019 तक इस इमारत पर कुल 27 लाख 48 हजार 909 रूपये टैक्स बकाया हो चुका था। वर्ष 2020 में इस इमारत का संपूर्ण बकाया टैक्स कंप्यूटर से गायब हो गया है। कंप्यूटर से इतने बड़े  बकाया टैक्स को कौन उड़ाया। इसके पीछे एक रैकट का काम है। जिसके कारण पालिका प्रशासन का दर वर्ष करोड़ों रूपये का नुकसान होता रहा है। इस प्रकार का आरोप शिवसेना के भिवंडी शहर सचिव महेन्द्र कुभारे ने कर मूल्यांकन विभाग के अधिकारियों पर लगाया है।  जानकारों की माने तो संपत्ति धारकों की संपत्तियां इस्तेमाल ना होने से उन पर टैक्स का बोझ बढ़ जाता है। इसके लिए संपत्ति धारकों को प्रत्येक वर्ष करमूल्यांकन व संबंधित प्रभाग को लिखित जानकारी देनी पड़ती है कि उनकी संपत्ति का इस्तेमाल बंद है। संपत्ति धारकों द्वारा बकाया टैक्स को पूरा भुगतान करने पर उन्हें 67 प्रतिशत परतावा ( रिर्टन) रकम पालिका द्वारा वापस प्रदान की जाती है। इस प्रकार का प्रावधान है। किन्तु इस प्रकरण में संपत्ति धारक से बकाया टैक्स का भुगतान ना करवाते हुए पूर्व कर मूल्यांकन व कर निर्धारण अधिकारी वंदना गुलवी व सहायक अधिकारियों ने बिल्डर व इमारत मालिक से सांठगाठ कर लाखों रूपये अपना टैक्स वसूल लिया और पालिका प्रशासन का बकाया 27 लाख 48 हजार 909 रूपये टैक्स को कंप्यूटर से उड़ा दिया। यही नहीं इस प्रकरण की पूरी फाइल कर मूल्यांकन विभाग से गायब कर दी गी।

इस प्रकरण की जांच शुरू है तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर खुलासा मांगा गया है। अभी तक 6 कर्मचारियों का खुलासे प्राप्त हुए है। बाकी 4 कर्मचारी व अधिकारियों का खुलासा प्राप्त होना बाकी है। खुलासा प्राप्त होते ही दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
 ....... उपायुक्त (कर) दीपक झिजांड 

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट