उच्च न्यायालय के स्युओ मोटो आदेश का उलंघन कर बन रही है 150 अवैध इमारतें ?

भिवंडी।। भिवंडी शहर महानगर पालिका के परिसीमा अंर्तगत 24 सितंबर 2020 को जिलानी बिल्डिंग हादसे में 38 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी‌। इसके साथ ही लगभग दो दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। इसी तरह मालवाणी झोपड़ पट्टी में 9 जून 2021 को इमारत गिरने से 12 लोगों की मौत हुई थी। इन घटनाओं को देखते हुए उच्च न्यायालय मुंबई के न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने स्वयंप्रेरणा से ( स्युओ मोटो) जनहित याचिका फाइल की। जिसकी ‌सुनवाई के दरमियान अवैध निर्माण पर सख्त फैसला सुनाते हुए आदेश जारी किया कि जिस क्षेत्र में अवैध निर्माण पाया जायेगा, उस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी पर दंडात्मक

कार्रवाई के साथ साथ फौजदारी के तहत गुनाह दाखल करने के लिए निर्देश दिये है। हालांकि भिवंडी शहर महानगर पालिका के प्रभाग अधिकारी इस आदेश का जमकर उल्लंघन कर रहे है। जिसके कारण उनके संरक्षण में लगभग 150 अवैध इमारतें निर्माणाधीन अवस्था में है। कुछ इमारतों का बांधकाम पांच से सात मंजिल तक पूरा हो चुका है तो कुछ इमारतों के प्लिंथ का काम शुरू है। पालिका के अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे व उपायुक्त दीपक पुजारी जैसे जिम्मेदार अधिकारी होने के पश्चात भी शहर में लगभग 150 अवैध इमारतें निर्माणाधीन आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। बतादें कि अवैध इमारतों की जानकारी होने पर सिर्फ कार्रवाई करने का आदेश दिये जाते रहे है। किन्तु कार्रवाई नहीं की जाती। अवैध रूप से बनाई जा रही इमारतों में घटिया सामग्री इस्तेमाल होने से बहुत ही जल्दी धराशायी हो जाती है। यही नहीं भूमाफिया व बिल्डर भी कम भाव में फ्लैट को बेचकर भाग जाते है। किन्तु ऐसी इमारतों में रहने वाले लोग जिलानी व मालवाडी झोपड़ पट्टी जैसे हादसे के शिकार होते रहे है। हालांकि ऐसे निर्माण से पालिका से छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारी मालामाल होते रहे है।

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