अनुबंध और पारिश्रमिक रूप में कार्यरत पालिका कर्मचारी दिवाली सानुग्रह से वंचित

भिवंडी।। भिवंडी पालिका के राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान विभाग, शिक्षण विभाग, वैद्यकिय स्वास्थ्य विभाग, पर्यावरण विभाग,पानी पुरवठा विभाग, विधि विभाग आदि विभागों में अनुबंध और पारिश्रमिक रूप में कार्यरत लगभग 1100 से 1200 सौ कर्मचारी पालिका के दिवाली सानुग्रह अनुदान से प्रत्येक वर्ष वंचित रहते है। हालांकि वर्ष 2008 में राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान विभाग के कर्मचारियों को 5001 रूपये दिवाली सानुग्रह अनुदान दिया गया था। किन्तु उसके बाद दरवर्ष पत्र व्यवहार करने व दिवाली सानुग्रह अनुदान देने की मांग उक्त विभाग के कर्मचारियों द्वारा किया गया। किन्तु इसके बाद भी कर्मचारियों को दिवाली सानुग्रह अनुदान नहीं दिया गया।

बतादें कि भिवंडी पालिका में अनुबंध और पारिश्रमिक रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 1200 सौ के करीब है। जो विभिन्न विभागों में पालिका कर्मचारियों के कंधे से कंधे मिलाकर काम करते रहे है।इसी क्रम में पालिका के राष्ट्रीय नागरी उपजिविका अभियान विभाग में 2005 से कई कर्मचारी कार्यरत हैं। पहले सुवर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना थी। वर्ष 2008 में पालिका प्रशासन ने इस विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को 5001 रूपये दिवाली सानुग्रह अनुदान दिया था। वर्ष 2014 में सुवर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना को बंद कर इसका रूपांतरण राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान विभाग कर दिया गया। इस विभाग में अभी पांच कर्मचारी अनुबंध और पारिश्रमिक रूप में कार्यरत है। इन कर्मचारियों को मानधन शासन द्वारा दिया जाता है। इसी तरह पर्यावरण विभाग में तीन कर्मचारी कार्यरत हैं।    
अनुबंध और पारिश्रमिक रूप में कार्यरत कर्मचारियों को समाज कल्याण विभागीय काम जैसे अपंग कल्याण, स्वच्छता भारत अभियान, कोव्हिड संबंधी काम, चुनाव संबंधी काम और आपातकालीन विभाग जैसे अन्य महत्वपूर्ण काम प्रशासन के निर्देशानुसार करते रहे हैं। शासन निर्णयानुसार अनुबंध और पारिश्रमिक रूप में कार्यरत कर्मचारी से अन्य काम करवाने के लिए मनाही हुकुम है। इसके बाद भी ऐसे कर्मचारियों से अन्य काम करवाऐ जाते है। किन्तु दिवाली सानुग्रह अनुदान देने के समय ऐसे कर्मचारियों को अनुदान से वंचित रख दिया जाता है। 
राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान विभाग प्रमुख कैलाश पाटिल ने बताया कि अनुबंध और पारिश्रमिक रूप में कार्यरत कर्मचारियों को ठाणे महानगर पालिका, कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका, नाशिक महानगर पालिका, मुंबई महानगर पालिका इत्यादि महानगर पालिका प्रत्येक वर्ष दिवाली सानुग्रह अनुदान देती रही है किन्तु भिवंडी पालिका ने वर्ष 2008 में 5001 रूपये दिवाली सानुग्रह अनुदान दिया था। किन्तु उसके बाद से बंद कर दिया गया। 

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