31 दिसंबर तक सभी प्रखंडों के दो-दो पंचायतों को बनाना है टीबी मुक्त: सिविल सर्जन


- जिला टीबी टास्क फोर्स की बैठक में सीएस ने की टीबी उन्मूलन कार्यों की समीक्षा

- अधिकारियों व कर्मियों को निर्धारित अवधि में लक्ष्य पूरा करने का दिया निर्देश

बक्सर ।।  टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत जिले के सभी प्रखंडों में स्थित दो-दो पंचायतों का चयन किया गया है। जिनकी आबादी 250740 है। इन चयनित पंचायतों में लक्ष्य के अनुरूप अब तक 31.45 प्रतिशत टीबी के लक्षणों वाले मरीजों की जांच की गई है। जिनमें 217 मरीजों में टीबी की पुष्टि की गई है। 31 दिसंबर, 2023 तक इन पंचायतों को टीबी मुक्त बनाना है। जिसके लिए सभी अधिकारी व कर्मी लक्ष्य के अनुरूप कार्य करेंगे। उक्त निर्देश सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने जिला टीबी फोरम की समीक्षात्मक बैठक के दौरान कहीं। सिविल सर्जन ने बताया कि नेशनल स्ट्रेटेजिक प्लान के तहत 2017 से 2025 तक बक्सर जिले के सभी टीबी मरीजों की पहचान करनी है। साथ ही, निजी संस्थानों में उपचारत टीबी मरीजों का शत प्रतिशत नोटिफिकेशन किया जाना है। इस क्रम में विभाग का पूरा फोकस टीबी मरीजों को उच्च गुणवत्तापूर्ण दवा के माध्यम से उपचार देने, संभावित मरीजों की जांच कर टीबी रोग के प्रसार को रोकने और सपोर्टिंग सिस्टम को और अधिक सशक्त करने पर है। जिसे हरहाल में कार्यान्वित करना है। तभी, बक्सर जिले को टीबी मुक्त बनाया जा सकेगा।

बढ़ाई जायेगी ओपीडी मरीजों में टीबी की जांच :

बैठक के दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान और टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम के तहत जिले में टीबी उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के मरीजों में टीबी की जांच को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनवरी से सितंबर तक जिले के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 394148 मरीजों का परीक्षण किया गया। जिसके आधार पर 19707 मरीजों को टीबी जांच किया सलाह दी गई। जिनमें से 7970 मरीजों में टीबी की जांच की गई। इन मरीजों में 809 लोगों की टीबी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया। जिनका इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर भी टीबी के लक्षण वाले मरीजों का सैंपल लिया जा रहा है। 

प्रखंडों की तैयार करें समीक्षा रिपोर्ट :

समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन डॉ. सिन्हा ने सभी प्रखंडों में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की दिशा में संचालित योजनाओं, अभियानों और कार्यक्रमों की मासिक समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। ताकि, सभी प्रखंडों में कार्यों और कार्यक्रमों की रैंकिंग की जा सके। इससे प्रखंडों में चल रहे कार्यक्रमों के संचालन में आ रही बाधाओं को चिह्नित किया जा सकेगा। ताकि, टीबी मुक्त पंचायत पहल को गति प्रदान की जा सके। वहीं, सिविल सर्जन ने टीबी जांच के लक्ष्य, मरीजों के नोटिफिकेशन, दवाओं की उपलब्धता, निक्षय पोषण राशि योजना, निक्षय मित्र योजना, एसटीएस और एसटीएलएस के कार्यों, सहयोगी विभागों से समन्वय की भी समीक्षा की। 

बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार, डब्ल्यूएचओ के एनटीईपी कंसल्टेंट डॉ. बिज्येंद्र कुमार सौरभ, डीपीसी कुमार गौरव, प्रधान लिपिक मनीष कुमार श्रीवास्तव समेत जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारी, कर्मीगण, एसटीएस व एसटीएलएस मौजूद रहे।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट