बेगुनाह की निर्मम हत्या से परिजनों में गम के साथ गुस्सा भी

 अमानीगंज, अयोध्या ।। जनपद के खण्डासा थाना क्षेत्र के रौतावां गांव निवासी स्वास्थ्य विभाग में वाहन चालक द्वारिका नाथ शुक्ला की सुल्तानपुर जिले के देहात कोतवाली में जघन्य हत्या के खुलासे से शनिवार को समूचे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा। परिजनों सहित ग्रामीणों में जहां उनकी मौत से एक तरफ गम है तो वहीं आरोपियों द्वारा बर्बरता पूर्वक की गई निर्मम हत्या से गुस्सा भी है। ग्रामीणों में घटना को लेकर काफी आक्रोश है हर जुबान पर यही है कि अकारण बेगुनाह की हत्या करने वाले हत्यारों को फांसी होनी चाहिए।

 मृतक द्वारिका नाथ शुक्ला दूबेपुर सीएचसी में वाहन चालक के पद पर नौकरी करते थे 16 जनवरी की शाम अचानक लापता हो गए थे काफी खोजबीन के बाद पता न चलने पर परिजनों ने बंधुआ कला थाने में 27 जनवरी को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उनके दोनों बेटे राघवेंद्र शुक्ला व कमलेंद्र शुक्ला सुल्तानपुर में लगातार उनकी छानबीन कर रहे थे। लेकिन शुक्रवार की शाम जब उनको पता चला कि 16 जनवरी की रात ही उनके पिता की हत्या कर शव को जला दिया गया था। शाम को ही परिजन सुल्तानपुर कोतवाली देहात पहुंचे और फोटो से उनकी पहचान की। शनिवार को मृतक द्वारिका नाथ शुक्ला का उनके पैत्रृक गांव में क्रिया कर्म हेतु प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पत्नी सुशीला का कहना है कि बेगुनाह पति हत्या करने वाले हत्यारों को फांसी की सजा होनी चाहिए। मुख्य आरोपी विक्रांत वर्मा ने अपने दो अन्य साथियों के साथ कर्जदारी से बचने के लिए अपने मौत की झूठी कहानी गढ़ने के लिए बेगुनाह वाहन चालक की हत्या कर दी। इस दौरान आरोपी के परिजनों ने क्रिया कर्म भी कर दिया लेकिन पुलिस की छानबीन में गढ़ी गयी कहानी खुल गई। लेकिन इनकी करतूतों से एक परिवार तबाह हो गया।

रिपोर्टर

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