दो लाख प्राइमरी शिक्षकों की प्रोन्नति जल्द

यूपी : प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों की पदोन्नति के लिए नई नीति करीब-करीब तय हो चुकी है। बेसिक शिक्षा विभाग इसे शीघ्र ही अन्तिम रूप देकर शासन को भेजने की तैयारी में है। शासन की मुहर लगते ही इसे जारी किया जाएगा। इससे करीब दो लाख शिक्षकों को लाभ होगा। यह पदोन्नति हर तीन साल पर होगी।

नई नीति में प्राइमरी में पदोन्नति पाने वाले शिक्षक उसी स्कूल में प्रधानाध्यापक भी बन सकेंगे, जहां वे तैनात थे। अभी सहायक अध्यापक पद से पदोन्नति के बाद उच्च प्राइमरी में सहायक अध्यापक या दूसरे प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है। नई नीति प्रभावी होने के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशालय द्वारा बनाए गए मानकों को पूरा करने वाले उसी स्कूल में प्रधानाध्यापक बन सकेंगे। शिक्षकों की पदोन्नति भी हर तीन साल पर होगी। अभी शिक्षकों को पांच साल के बाद प्रोन्नति मिलती है। हालांकि वर्ष 2016 के बाद से विभाग में शिक्षकों की कोई पदोन्नति नहीं हुई है। तीन साल पर पदोन्नति की नीति-2015 से पूर्व भी रही है, जिसे बाद में सरकार ने पांच साल में तब्दील कर दिया था।

सरकार ने शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची को जल्द से जल्द अन्तिम रूप देने के भी निर्देश दिए हैं ताकि नई नीति मंजूर होते ही पदोन्नति की प्रक्रिया उसी अनुसार शुरू की जा सके। प्राइमरी शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची का प्रकाशन लंबे समय से लटका पड़ा है। विशेष कर बेसिक शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही के कारण ज्येष्ठता सूची को तैयार करने के लिए जिलों से सूची प्रेषित किये जाने की तिथियां 10 से अधिक बार बढ़ाई गईं। कारण अलग-अलग जिलों ने अलग-अलग तरीके से ज्येष्ठता सूची तैयार की, जिससे तमाम तरह की विसंगतियां उत्पन्न हुईं। मसलन कुछ जिलों में यह चयन गुणांक के आधार पर तैयार कर दिया गया तो कुछ जिलों में जन्मतिथि के आधार पर सूची तैयार की गई।

रिपोर्टर

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