सनातन की आस्था देख दुनिया है हैरान- शशि भूषण तिवारी


\संवाददाता श्याम सुंदर पांडेय की रिपोर्ट 

दुर्गावती(कैमूर)-- विश्व का प्राचीनतम धर्म सनातन का कुंभ विश्व को एक नया संदेश दे रहा है तमाम विश्व के वैज्ञानिक बुद्धजीवी डॉक्टर वैज्ञानिक और चिंतक हैरान है करोड़ों की भीड़ होने के बावजूद कहीं से कोई महामारी जैसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही है। विश्व के मानचित्र पर शान से सनातन की पताका लहराता भारत दुनिया में एक मिसाल कायम कर रहा है। हिमालय की तराइयों से लेकर मैदानी इलाकों तक फैले संत इस महाकुंभ में शोभा बढ़ा रहे हैं, यहां तक की विश्व के अन्य देशों से भी सनातन धर्म के अनुयाई भारत की धरती के इस कुंभ में शिरकत करने इस देश में पधारे हुए हैं। धन्य है भारत का सनातन धर्म और धन्य है भारत की यह पवित्र भूमि उक्त बातें कुंभ से लौट रहे ब्राह्मण सभा रोहतास के शशि भूषण तिवारी ने दुर्गावती में कहीं।आज विश्व चकित है,होना भी चाहिये, ना कोई मास्क हैं,ना कोई दूरियां हैं,ना कोई हाइजीन है,ना कोई सैनिटाइजर्स करोड़ो मानव एक ही नदी में एक सीमित जगह पर स्नान कर रहे हैं और कोई महामारी नहीं फैल रही। सारे कीटाणु और जीवाणु दुम दबाये पड़े हैं। कैसी श्रद्धा है, कैसी गंगा मां है, कैसी आस्था है और कैसा कुंभ है,कैसा धर्म है, कैसा विज्ञान है,कैसा सितारों का योग है। जन सैलाब एक ही उद्देश्य को लेकर उमड़ रहा है पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति। ना कोई जात-पात का भेद, ना कोई वर्ण का भेद, ना कोई ब्राह्मण, ना क्षत्रिय, ना वैश्य और ना शूद्र, ना कोई ऊंचा ना कोई नीचा। सब समान है।हे आधुनिक विज्ञान के चिंतको एक बार फिर से बैठ कर गहन चिंतन करो, क्यों नहीं फैल रही महामारी? क्या होता है मोक्ष, कोशिश करो जानने की। क्या होते हैं पाप और पुण्य,क्या होता है पुनर्जन्म, जानो आधुनिक विज्ञान, तुम्हें अभी बहुत कुछ जानना है। झुको आस्था के आगे धर्म के आगे। हो सकता है आस्था का विज्ञान, धर्म का विज्ञान तुमसे बड़ा हो, थोड़ा झुकना सीखो आधुनिक विज्ञान। कहते हैं झुकने से ज्ञान बढ़ता है, यदि सचमुच सनातन की इस आस्था को समझना है तो साधना की अंतरिम गहराइयों में उतर कर देखा जा सकता है और परखा जा सकता है जय जय  महाकुंभ जय जय सनातन 

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