
ठाणे शहर के कचरा कोंडी पर आक्रोश: पडघा के पास आतकोली डंपिंग पर 7 अप्रैल को उग्र प्रदर्शन
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Apr 02, 2025
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भिवंडी। अपने घर का कचरा जब पड़ोसी के आंगन में गिरता है तो हड़ताल हो जाती है – लेकिन यहाँ तो ठाणे शहर का कचरा ही लोगों के जीवन में परेशानी बन गया है। ठाणे शहर के कचरा निपटान हेतु भिवंडी तालुका के पडघा नजदीक स्थित आतकोली गांव में शासन द्वारा निर्धारित डंपिंग ग्राउंड पर भारी मात्रा में कचरा डाला जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा हो गई है।
सरकार ने ठाणे शहर के कचरे का निपटारा करने के लिए भिवंडी तालुका के मौजे, आतकोली गांव (सर्वे नंबर 4, 5, 13 एवं 14) में कुल 34.72 हेक्टेयर क्षेत्र प्रदान किया है। इस ग्राउंड पर ठाणे महानगरपालिका द्वारा प्रतिदिन 100 से अधिक ट्रकों के माध्यम से हजारों टन कचरा डाला जा रहा है। इससे उत्पन्न दुर्गंध और प्रदूषण के कारण आस-पास के ग्रामवासियों का स्वास्थ्य संकट में है। स्थानीय पंचक्रोशी संघर्ष समिति के निमंत्रक रमेश शेलार ने कहा कि यदि इस स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो 7 अप्रैल को सर्वपक्षीय नागरिकों के साथ मिलकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। डंपिंग ग्राउंड से उठने वाले दुर्गंधी धुएँ और प्रदूषण से आस-पास के गांवों (जैसे – जू पाडा, चिंबी पाडा, शेरेकर पाडा आदि) के निवासियों की साँसों में तकलीफ बढ़ रही है। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय-आंतरराष्ट्रीय कंपनियों के गोदाम तथा लाखों नौकरीपेशा लोगों का आना-जाना होता है। प्रदूषण से व्यापार और रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। ग्रामपंचायती से बिना परामर्श के यह क्षेत्र डंपिंग ग्राउंड के रूप में सौंप दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों का आक्रोश चरम पर पहुँच गया है।
ठाणे ग्रामीण पुलिस मुख्यालय, समृद्धि महामार्ग, मुंबई-वडोदरा महामार्ग, क्रिकेट स्टेडियम एवं पिसे धरण जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के निकट इस डंपिंग ग्राउंड के संचालन पर प्रशासन की गंभीर लापरवाही को लेकर स्थानीय पंचक्रोशी संघर्ष समिति के विधी सलाहकार एडवोकेट संदीप जाधव ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने स्थानीय ग्रामपंचायती की सहमति लिए बिना ऐसा कदम उठाया है, तो यह सरकार की बेपरवाही का स्पष्ट उदाहरण है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्थानिक लोकप्रतिनिधि एवं जिल्हाधिकारी को निवेदन भेजा है कि इस मुद्दे की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। इस विवादास्पद डंपिंग प्रोजेक्ट के खिलाफ 7 अप्रैल को होने वाले प्रदर्शन में स्थानीय लोगों की बड़ी संख्या जुटने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे प्रशासन पर दबाव बनेगा कि वह जल्द से जल्द इस पर्यावरणीय संकट का समाधान निकालें।
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