पूछतीं है जनता - पहलगाम में कायराना हमले का जवाब सरकार कब और कैसे देगी

शोक संतप्त जनता के आंखों में आंसू तो दिलो में गुस्सा

संवाददाता श्याम सुंदर पाण्डेय की रिपोर्ट 

दुर्गावती(कैमूर)-- आंखों में आंसू दिलों में गुस्सा लिए लिए देश का हर नागरिक एक ही सवाल पूछता है इसका जवाब सरकार कब और कैसे देगी। पाकिस्तान के लिए यह कोई नई बात नहीं है यह तो सदियों से चला आ रहा है लेकिन अफसोस करने के बाद हाथ पर हाथ धरे सरकार चुप बैठ जाती है। जहां देखो वहां लोग इस हमले की घोर निंदा करते हैं, और हर बार की तरह जवाबी कार्रवाई की मांग करते हैं। हमले में जाति पूछ कर धर्म और मजहब के अनुसार हत्या करना यह सबसे शर्मनाक बात है। स्थानीय बाजार में जहां देखो वहां आंखें नम और गुस्से का इजहार और निंदा करते लोग दिखाई दे रहे हैं। जब देश का बंटवारा जाती के आधार पर हो गया, तो क्यों नहीं उस बंटवारे के अनुसार पुनः एक बार उस समझौते को लागू किया जाए। क्योंकि बंटवारे के समय यह तय हुआ था, कि जब आपसी सामंजस्य नहीं बनेगा तो आप अपने-अपने जातियों को अपने-अपने देश में वापस ले लेंगे। पाकिस्तान ऐसा देश है जो कायराना हमले करने से कभी नहीं मानता न चुकता है सामने से वार करने की उसकी हिम्मत नहीं है। लेकिन भारतीय राजनीति की ढुलमुल नीति का स्पष्टीकरण कब होगा कुछ समझ में नहीं आ रहा है कभी सेना के जवान मारे जा रहे हैं तो कभी जनता।



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