शिकायतकर्ता चिल्लाता रहा चेयरमैन के पुत्र बृजेश दौड़ा दौड़ा कर पीटते रहे तमाशबीनबनेलोग.

शिकायतकर्ता चिल्लाता रहा चेयरमैन के पुत्र बृजेश दौड़ा दौड़ा कर पीटते रहे तमाशबीनबनेलोग.


*पालिकाध्यक्ष पुत्र की करतूत.*

रिपोर्ट-

*नरेंद्र दुबे.* ''क्राईम रिपोर्टर.''


गोपीगंज,भदोही। गोपीगंज नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद दास गुप्ता के आवास खरहट्टी मोहाल स्थित बंगले पर पालिका से संबंधित  एक शिकायत के मामले में शिकायतकर्ता को  दौड़ा दौड़ा कर लात घुसो और जूतों से पीटा गया  गलती उसकी सिर्फ इतनी थी कि वह चेयरमैन के बंगले तक क्यों चढ़ गया। शिकायतकर्ता की औकात ही क्या?  साहब का जो बंगला ठहरा! उक्त मामले को लेकर नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। व लोग सहम गए हैं कि जब साधारण सी शिकायत पर इस तरह से शिकायतकर्ता को उसकी शिकायत के लिए पुरस्कार दिया जा सकता है तो आम आदमी की औकात ही क्या जो चेयरमैन के बंगले की ओर रुख कर सके। वाक्या मंगलवार को देर रात कोईरान गली निवासी गुड्डू उर्फ मोहम्मद इस्माइल पुत्र मोहम्मद इसहाक को उस समय मंहगा पड़ा जब वह पेयजल आपूर्ति की शिकायत लेकर चेयरमैन की आवास पर गया था, अध्यक्ष से मिल कर शिकायत करने के लिए। तब तक वहां पर उपस्थित चेयरमैन के पुत्र बृजेश गुप्ता दरवाजे से धक्का देकर शिकायतकर्ता को जब भगाने लगे किंतु शिकायतकर्ता गुड्डू ने कहा कि बिना चेयरमैन साहब से मिले व शिकायत किए बिना नहीं जायेगा।इतने में चेयरमैन के आक्रोशित पुत्र बृजेश ने लात घूसो से उसे दौड़ा-दौड़ा कर तब तक पिटाई करते रहे जब तक वह घायल नहीं हो गया। गुड्डू चिल्लाता रहा कोई भी बचाने के लिए आगे नहीं आया ना ही छुड़ाने का प्रयास किया। यह साहस किसी के पास नहीं था कि उस गरीब को पिटाई से बचाया जा सके विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ कि गरीब लोगों को बचाने की बात छोड़ो चेयरमैन पुत्र ने मोहल्ले वालों को भी ललकारा तमाशबीन बनकर देखते रहो नहीं तो तुम लोगों की भी तुम्हारी औकात बता दी जाएगी।चेयरमैन पुत्र के क्रोध रूपी तांडव को देख कर लोग साहस नहीं कर सके और सहम गए। मामला यहीं तक सीमित नहीं रहा  सरेआम गरीब शिकायतकर्ता की पिटाई के उपरांत 100 नंबर डायल कर उसे जेल भी भिजवा दिया गया जो न्यायत: पिटाई करने वाले  से पिटने वाले  के मामले में नियम विरुद्ध है। ज्ञात हो कि इससे भी चेयरमैन पुत्र का मन नहीं भरा तो जिले के पुलिस अधीक्षक के बराबरी के बड़े अधिकारी के संरक्षण में  उसे गिरफ्तारी कराने के उपरांत आदर्श कोतवाली की पुलिस को विश्वास में लेकर मेडिकल मुआयना बनवा कर उसे जेल भिजवा दिया गया। पीड़ित की एक भी बात नहीं सुनी गयी। ''वह चिल्लाता रहा लोग तमाशा देखते रहे',' बताया जाता है कि जिसको लेकर पूरे नगर में तरह तरह का चर्चा का विषय बना है। गरीब असहाय का पिटाई का  यह दृश्य देखकर नगर का कोई भी आम नागरिक शिकायत लेकर चेयरमैन के दरवाजे जाने का  साहस भी नहीं जुटा पाएगा! यह कैसा न्याय?कि एक शिकायत की इतनी बड़ी सजा शिकायत सुनना तो दूर शिकायत को लेकर जाने के बाद बुरी तरह पिटाई भी किया गया। उसे जेल भी भिजवाया गया। एक ही व्यक्ति को एक गलती की कितनी सजा दी जाएगी यह संपूर्ण प्रकरण राम भरोसे है।

रिपोर्टर

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