भारत को सुपर पावर बनने से रोक रही भारतीय राजनेताओं की गंदी मानसिकता

संवाददाता श्याम सुन्दर पांडेय की रिपोर्ट 

संवाददाता की कलम से 

आज आधुनिकता के युग में टेक्नोलॉजी की दुनिया में होड़ मची हुई है और हर देश कुछ नया करना चाहता है। इस आधुनिकता के युग में भारतीय राजनीति केवल अपने स्वार्थ और उसके पूर्ति के लिए वोट प्राप्त करने में जुटी हुई है। हमारा देश आगे जाए सर्वोच्च स्थान प्राप्त करें इसकी चिंता देश में किसी दल के राजनेता को नहीं है देश भले ही भाड़ में चला जाए कुर्सी बरकरार रहनी चाहिए। विश्व के तमाम देश अपने यहां सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले तथा प्रतिभावान छात्रों को लेकर एक नया इतिहास रच रहे हैं। लेकिन भारत प्रतिभावान छात्रों को रोककर मूर्खों की फौज खड़ा कर दुनिया में डफली पीट रहा है और चाहता है कि हम दुनिया के देश में पहले पायदान पर हो चाहे क्षेत्र कोई हो क्या यह संभव है। जब देश आर्थिक संकट से जूझता है टेक्नोलॉजी में पिछड़ता है तो दूसरे देशों की सहायता पर निर्भर और बेबस,मजबूर दिखाई देता है। जिसका परिणाम होता है कि टेक्नोलॉजी खरीदने के सिवाय कोई रास्ता नहीं दिखाई देता क्या भारत में हुनर की कमी है या योग्यता की या टेक्नोलॉजी आधारित सूत्र की। सारे वेद वेदांत सूत्रों से भरे पड़े हुए हैं चाहे वह परमाणु का सूत्र हो या अणु का सूत्र हो या चिकित्सा का इस पर खोज क्यों नहीं हो रहा है। आज दुनिया के देश भारतीय प्रतिभावान छात्रों को लेकर भारत से चुराए गए सद ग्रंथन के सूत्रों से खोज करके दुनिया के अग्रणीय देश में खड़े हैं। लेकिन जिनको विरासत के रूप में श्रीषियों के अनुभव परख ज्ञान ग्रंथ का साथ और सूत्र मिला वह देश दुनिया कि देश में आज पिछली पंक्ति में खड़ा है जो चिंता का विषय। यदि यह देश अपनी विरासत पर खोज और काम किया होता तो पहले की तरह आज भी सिरमौर होता। लेकिन दुर्भाग्य है यहां खोज और अनुसंधान की जगह वोट प्राप्ति और सत्ता सुख के लिए प्रतिभावान छात्रों को और युवाओं को कुचलने का खड्यंत्र तैयार किया जाता है। आज भारतीय राजनेता निरंतर उसी सिद्धांत पर देश को आगे लेकर जा रहे है। क्या यह भारत को सुपर पावर बनने सुपर या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ने से नहीं रोकने का प्रयास किया जा रहा है। देश को सुपर को सुपर बनाने की जिम्मेवारी किस पर है और लोकतंत्र में किसे दिया गया है और जिम्मेवार किसे माना जाए निर्णय आप सबको करना है सुपर पावर बनने से भारत को राजनेता रोक रहे हैं या प्रतिभावान छात्र या देश की जनता।

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