
सरकार की पहल और शिक्षक का परिश्रम बदल सकता है बच्चों का भविष्य
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- May 28, 2025
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संवाददाता श्याम सुंदर पांडेय की रिपोर्ट
दुर्गावती (कैमूर)-- यदि सचमुच बच्चों में संस्कार युक्त ज्ञान से समाज में एक नया परिवर्तन लाना हो तो सरकार के द्वारा जो दिशा निर्देश दिया गया है जिसमें योग के समय को बढ़ाना होगा। योग से स्वास्थ्य तो अच्छा होगा ही साथ ही धार्मिक सद्ग्रंथो स्वाध्याय से बच्चों के विचारों में परिवर्तन लाया जा सकता है जो समाज और राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका अदा कर सकती है। दुर्गावती प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय दहियांव में प्रधानाध्यापक सरिता कुमारी और शिक्षक सतीश कुमार के प्रयास से बच्चों को योग की शिक्षा देते देख कर लोग सराहना कर रहे हैं। विद्यालय का सुबह का सत्र सुबह की प्रार्थना, सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु के साथ शुरू होता है।उसके बाद बच्चों को प्रणायाम और व्यायाम की शिक्षा दी जाती है जो बच्चों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि यदि सचमुच देश में परिवर्तन लाना है तो गुरुकुल के तौर पर शिक्षा देना होगा जिससे संस्कार और संसार दोनों बदल सकता है। सरकार को चाहिए कि इस व्यवस्था को और मजबूत करें ताकि आने वाला भविष्य बच्चों का उज्जवल हो सके।
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