मीट व मछली की खुले में लग रहे अवैध दुकानें जानलेवा बीमारियों के साथ ही दुर्घटनाओं को दे रही दावत, नगर वासी परेशान अधिकारी लापरवाह

सूत्रों की माने तो अवैध दुकानें अधिकारियों की अवैध कमाई की है श्रोत, जिला पदाधिकारी को ध्यान देने की है जरूरत 

कैमूर-- जिला के नगर पंचायत कुदरा अंतर्गत कुदरा भभुआं रोड पंजाब नेशनल बैंक के समीप खुले में लग रही मीट व मछली की अवैध दुकानें जानलेवा बीमारियों के साथ ही दुर्घटनाओं को दे रही दावत, नगर वासी परेशान अधिकारी लापरवाह। आपको बताते चलें कि नगर पंचायत कुदरा से भभुआं रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के समीप खुले में मीट मछली की दुकानें नियमों की अनदेखी कर गंभीर बीमारियों सहित बड़ी दुर्घटनाओं को दे रही दावत। भाजपा प्रखंड उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के साथ ही दर्जनों की संख्या में उपस्थित


स्थानीय दुकानदारों द्वारा बताया गया, कि पहले ये सभी दुकानें राष्ट्रीय राजमार्ग के सर्विस लेन में अवैध रूप से चलाया जा रहा था। जब वहां से प्रतिबंधित कर हटाया गया तो इन सभी दुकानदारों द्वारा जहां पर कचरा डंप किया जाता था उसी जगह पर अवैध दुकानें खोलकर बीमारियों के साथ ही दुर्घटनाओं को भी दावत दिया जा रहा है। पहले हम लोग ऐसे ही कचरे की बदबू से परेशान थे, उसके बावजूद जब से मीट मछली की खुली दुकानें लग रही है, इन दुकानदारों द्वारा मीट मछली की अवशेष जगह-जगह सड़कों पर फेंक दिया जाता है,


जब हवा चलती है तो दुकानों में बैठना भी मुश्किल हो जाता है। यहां पास में ही आवासीय विद्यालय है प्रदूषण फैलने की वजह से स्थानीय लोगों सहित बच्चे भी बीमारी के शिकार हो सकते हैं। इतना ही नहीं शाम के समय में सड़क भी पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो जाती है।


जिससे कि कभी भी किसी बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। स्थानीय अधिकारियों से अनेकों बार कहने के बावजूद भी इनके विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाई नहीं किया गया।

                                      मीट व मछली की दुकानों के लिए प्रक्रिया क्या हैं

यदि देखा जाए तो नियमानुसार खुले में मीट का कारोबार करना सही नहीं है, और कई जगहों पर प्रतिबंधित भी है। खुले में मीट बेचना या काटना, स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, और इससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं। खुले में मीट बेचने से मक्खियों, धूल और अन्य गंदगी के संपर्क में आने का खतरा है, जिससे मीट दूषित हो जाता है।दूषित मीट खाने से फूड पॉइजनिंग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।खुले में मीट बेचने से दुर्गंध आती जिससे आसपास के वातावरण प्रदूषित होता है।कई निकायों ने खुले में मांस बेचने पर प्रतिबंध लगा रखा है, और ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जाता है।इसलिए, मीट का कारोबार करने के लिए, एक उचित दुकान स्थापित करना और सभी आवश्यक स्वच्छता और स्वास्थ्य नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। उचित दुकान स्थापित करना जरूरी है जो साफ-सुथरी हो और जिसमें मांस को सुरक्षित रखने की उचित व्यवस्था हो। दुकान को नियमित रूप से साफ सफाई व मांस को मक्खियों और अन्य कीड़ों से बचाना चाहिए। मांस को काटने और बेचने के लिए सभी आवश्यक स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हुए, कचरे का निपटान सही तरीके से करना चाहिए जिससे प्रदूषण न फैले।

                            सूत्रों की माने तो अवैध दुकानें अधिकारियों की अवैध कमाई की स्रोत है


नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी या अध्यक्ष द्वारा कहीं भी मीट-मछली की दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। नगर पालिका अधिनियम के तहत खुले में मांस-मछली बेचना प्रतिबंधित है। इस संबंध में, नगर पंचायत, अंचल या जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर ऐसी दुकानों को हटाया जाना चाहिए। पर यहां के संबंधित पदाधिकारी नींद में सोए हुए हैं। इससे प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं खुले में मीट मछली की फल फूल रहे अवैध दुकानें स्थानीय अधिकारियों की अवैध कमाई का स्रोत हैं। इस ओर जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

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