
महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म के मामले में फर्जी दरोगा की जमानत खारिज
- रिंकू गुप्ता वाराणसी रिपोर्टर
- Aug 21, 2025
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वाराणसी। वाराणसी में तैनात एक महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म के मामले मे आरोपित फर्जी दरोगा को कोर्ट से राहत नहीं मिली फास्टट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने बड़ौरा, उन्नाव निवासी आरोपित निखिल उर्फ निखिलेश त्रिवेदी उर्फ शानू की जमानत अर्जी मामले की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दी। अदालत में वादिनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव,नरेश यादव,संदीप यादव व मुकेश सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने 16 नवंबर 2024 को चितईपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वह जब 29 अक्टूबर 2024 को अन्नपूर्णा मंदिर में ड्यूटी पर तैनात थी। उसी दौरान एक व्यक्ति जिसका नाम निखिल उर्फ निखिलेश त्रिवेदी उर्फ शानू जो उपनिरीक्षक की वर्दी पहने हुए था। उसने मुझसे कहा कि वह पुलिस हैडक्वाटर (पीएचक्यू) लखनऊ में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्त हूं। उसने पीड़िता का नंबर मांगा तो पुलिस वाला होने के चलते उसने अपना नंबर उसे दे दिया। इसके बाद अगले दिन 30 अक्टूबर को फोन किया और कुछ देर बाद बातचीत की। बाद में 4 नवंबर 2024 को जब पीड़िता ड्यूटी समाप्त कर वापस घर जा रही थी, तभी निखिल उसे रामपुर चौराहे पर मिला व जबरदस्ती पीछा करते हुए उसके रूम पर पहुंच और जबरदस्ती मारपीट कर मुंह दबाकर शारीरिक संबंध बनाया। किसी तरह उसके चंगुल से छुटकर शोर मचाया तो पीड़िता की छोटी बहन मौके पर पहुंची तो वह वहां से यह कहते हुए भाग निकला कि उसकी छोटी बहन को अगवा करने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकला। उसके बाद से लगातार मेरा पीछा कर रहा है और अश्लील वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी दे रहा है। उसके बारे में पीएचक्यू लखनऊ में पता करने पर उक्त नाम के किसी भी व्यक्ति के तैनात न होने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले फर्जी दरोगा के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से पुलिस की वर्दी, बैच, बिल्ला, इत्यादि समान बरामद हुए थे।
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