भिवंडी में राकांपा सेवादल की सख्त कार्रवाई

इरशाद अंसारी पद से हटाए गए, पार्टी से बाहर का रास्ता


भिवंडी। भिवंडी की राजनीति में शनिवार को बड़ा भूचाल तब आया, जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सेवादल ने अपने ही संगठन के निरीक्षक इरशाद अंसारी को पद से हटाकर पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह कदम पार्टी की ओर से अनुशासन और संगठनात्मक सख्ती का स्पष्ट संदेश माना जा रहा है। महाराष्ट्र प्रदेश राकांपा सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र लावंघरे (देशमुख) द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि इरशाद अंसारी लगातार पार्टी-विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता में शामिल रहे। उनके आचरण से संगठन की छवि धूमिल हुई और कार्यों को नुकसान पहुँचा। पत्र में यह भी उल्लेख है कि तमाम चेतावनियों के बावजूद सुधार नहीं दिखा, जिसके चलते कठोर निर्णय लेना पड़ा।दरगाह दीवान शाह परिसर, भिवंडी निवासी इरशाद अंसारी लंबे समय से सेवादल निरीक्षक पद पर कार्यरत थे। सूत्रों के अनुसार, उनके खिलाफ कार्यकर्ताओं ने बार-बार शिकायतें दर्ज कराई थीं। उन पर जनमानस विरोधी काम करने और व्यक्तिगत स्वार्थ साधने के आरोप लगे। अंततः पार्टी नेतृत्व ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए निष्कासन का रास्ता चुना। इस कार्रवाई के बाद शहर के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। राकांपा के भीतर इसे अनुशासन कायम रखने की ठोस पहल माना जा रहा है। भिवंडी शहर राकांपा जिलाध्यक्ष प्रवीण पाटिल ने साफ शब्दों में कहा—“जो लोग पार्टी की छवि खराब करेंगे, उन पर इसी तरह की कार्रवाई होती रहेगी। संगठन में वही जुड़ेंगे, जो पार्टी और जनता दोनों के प्रति वफादार हों।” विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला केवल संगठनात्मक अनुशासन तक सीमित नहीं, बल्कि स्थानीय राजनीति में शक्ति संतुलन पर भी असर डालेगा। अंसारी की बर्खास्तगी ने न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है, बल्कि अन्य दलों की निगाहें भी अब भिवंडी की राजनीति पर टिक गई हैं।

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