दर्जनों मौतों के बाद भी गड्ढों पर चुप्पी

 भिवंडी में सड़कों की बदहाली पर तीसरे दिन भी आंदोलन

भिवंडी। भिवंडी शहर की सड़कों पर गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। बारिश के मौसम में अब तक दर्जनों लोग इन गड्ढों के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद नगर प्रशासन और पीडब्ल्यूडी खामोश बैठा है। सीमेंट आरसीसी रोड और पेवर ब्लॉक के बीच बने गेप लगातार हादसों को दावत दे रहे हैं। शहर की मुख्य सड़कों के साथ-साथ उड़ान पुल भी गड्ढों की बीमारी से ग्रस्त है। हालत यह है कि हादसों के दौरान कई लोग पुल से नीचे गिरकर अपनी जान गंवा चुके हैं। नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि हर बार करोड़ों रुपये खर्च कर मरम्मत और पुनर्निर्माण का दावा किया जाता है, लेकिन बरसात आते ही डामर की परत पानी में बह जाती है और सड़कें फिर से पुराने हाल में लौट आती हैं। इस भ्रष्ट तंत्र और गैरजिम्मेदारी ने आम जनता की जान जोखिम में डाल दी है।इसी गंभीर स्थिति को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता जाहिद मुक्तार ने नगर पालिका मुख्यालय के सामने धरना आंदोलन शुरू किया है। लगातार तीसरे दिन भी वे सड़क पर डटे रहे। उनके आंदोलन को कई सामाजिक संगठनों और पदाधिकारियों का समर्थन मिल चुका है। बावजूद इसके, नगर प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। जाहिद मुक्तार का कहना है, “भिवंडी में गड्ढों की वजह से मौतें होना प्रशासनिक हत्या से कम नहीं है। यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और व्यापक होगा।”स्थानीय नागरिकों का गुस्सा भी सातवें आसमान पर है। लोगों का कहना है कि करदाताओं के पैसे से बनी सड़कें हर साल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं, और कीमत आम जनता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। नगर प्रशासन की चुप्पी अब सवालों के घेरे में है। दर्जनों मौतों के बावजूद यदि त्वरित कदम नहीं उठाए गए तो जनता का आक्रोश बड़ा आंदोलन बन सकता है। यह स्थिति नगर पालिका के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकती है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट