कैमूर में मनाया गया राष्ट्रीय प्रेस दिवस- बढ़ती गलत सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता पर हुई गंभीर चर्चा

जिला संवाददाता संदीप कुमार की रिपोर्ट 

कैमूर-- राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर, कैमूर जिले के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा समाहरणालय स्थित मुंडेश्वरी सभागार में "बढ़ती गलत सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता की रक्षा" विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एडीएम ओम प्रकाश मंडल, जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी (डीपीआरओ) राकेश कुमार और उपस्थित पत्रकार बंधुओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीपीआरओ राकेश कुमार ने प्रेस दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज को जागरूक करने, जनहित के मुद्दों को उठाने और शासन-प्रशासन तथा जनता के बीच एक मजबूत संवाद सेतु स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डिजिटल युग की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, "इंटरनेट और स्मार्टफोन के व्यापक उपयोग ने समाचारों के प्रसार की गति को अत्यधिक तेज बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही फेक न्यूज और भ्रामक सूचनाओं का खतरा भी बढ़ा है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय में पत्रकारों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे तथ्यों की गहन जांच-पड़ताल के बाद ही सत्य को जनता तक पहुंचाएं, ताकि प्रेस की विश्वसनीयता अक्षुण्ण बनी रहे।


डीपीआरओ ने आगे कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने कई बार पत्रकारिता की निष्पक्षता, संतुलन और तथ्यपरकता पर दबाव बनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस स्थिति का सबसे प्रभावी समाधान "मीडिया की आत्म-अनुशासन व्यवस्था" ही है। उन्होंने समाचारों के प्रकाशन में सतर्कता, सत्यापन और तथ्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "सूचना विस्फोट के इस दौर में तेजी से आगे बढ़ने की होड़ में तथ्यात्मक त्रुटियों से बचना अत्यंत आवश्यक है।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समय के साथ माध्यम भले ही बदल जाएं, लेकिन पत्रकारिता का मूल उद्देश्य जनहित, सत्य का प्रसार और लोकतंत्र को मजबूत करना ही रहेगा। परिचर्चा के दौरान विभिन्न पत्रकारगणों ने भी अपने अनुभव साझा किए और मीडिया की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर बहुमूल्य सुझाव दिए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे। हालांकि, कार्यक्रम में जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।

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