पीड़ित मानव की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म- साबिर
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, उप संपादक बिहार
- Dec 11, 2025
- 57 views
संवाददाता सिगासन सिंह यादव की रिपोर्ट
भभुआं (कैमूर)-- अनुमंडल अंतर्गत चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के नगर पंचायत हाटा के निजी अस्पताल प्रांगण में मानवाधिकार सीडबल्यूए मानवाधिकार योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) चेयरमैन के निर्देश पर 10 दिसंबर विश्व मानव अधिकार का कार्यक्रम मनाया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य स्थिति गुलाम साबिर अली राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मानवाधिकार सी डब्लू ए ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की मानव अधिकार हनन की घटनाएं जहां पर हो उसको तत्काल संज्ञान में लेते हुए संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को अवगत कराने का काम करे। मुख्य अतिथि ने कहा कि 10 दिसंबर विश्व मानव अधिकार दिवस हमे याद दिलाता है कि हर व्यक्ति जन्म से समान है, और सभी को सम्मान स्वतंत्रता और न्याय पाने का अधिकार है। 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा अपनाया था, और तभी से हर वर्ष 10 दिसंबर को यह दिन दुनिया भर में मनाया जाता है।
मुख्य स्थिति ने कहा कि मानवाधिकार केवल कानून की बाते नहीं है ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है। जैसे बिना डर का जीने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य और सम्मान का अधिकार, समान अवसर का अधिकार, ये सारे अधिकार है जो एक बेहतर समाज की ओर ले जाते है। मानव अधिकार दिवस हमे संदेश देता है कि "मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है"। सच्चे अर्थों में पीड़ित मानव की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
मानवाधिकार सी डब्लू ए के उपाध्यक्ष राकेश कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज भी दुनियां में कई जगह लोग अन्याय,भेदभाव, हिंसा और असमानता का सामना कर रहे है। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल अपने अधिकारों को जाने, बल्कि दूसरे के अधिकारों की रक्षा के लिए भी आवाज उठाए। संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर संकल्प लिया कि किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध करेंगे।कमजोर वर्गों और बंचित लोगो की मदद करेंगे, और मानवता के रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे। इस अवसर पर इबरार मिर्जा सलीम, रवि कुमार, इमरान अली आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


रिपोर्टर