दीवान शाह बाबा के उर्स पर पत्रकार और युटूबरों ने पेश की चादर, अमन-भाईचारे की दुआ

362वें उर्स के मौके पर संयुक्त संदल, शहर में शांति और सौहार्द की कामना


भिवंडी। भिवंडी की प्रसिद्ध और ऐतिहासिक दरगाह दीवान शाह बाबा का 362वां उर्स आरंभ हो चुका है। इस अवसर पर बुधवार को भिवंडी के पत्रकार और युटूबरों ने संयुक्त रूप से संदल निकालकर दीवान शाह बाबा की मजार-ए-मुबारक पर चादर पेश की और शहर में अमन, शांति एवं आपसी भाईचारे के लिए दुआ मांगी। शाम करीब साढ़े पांच बजे वरिष्ठ पत्रकार सब्बीर खान के नेतृत्व में खाक शाह बाबा दरगाह, भुसार मोहल्ला से संदल निकाला गया। संदल में बड़ी संख्या में पत्रकार और युटूबर शामिल हुए। जेष्ठ पत्रकार शब्बीर खान अपने साथियो। के साथ फूलों की थाल सिर पर लिए नात शरीफ की सदा के साथ पैदल दीवान शाह बाबा दरगाह की ओर रवाना हुए। करीब शाम सात बजे संदल दरगाह परिसर पहुंचा, जहां मजार-ए-मुबारक पर चादर पेश की गई। इसके बाद भिवंडी शहर में अमन-ओ-शांति, आपसी सौहार्द और भाईचारे के लिए विशेष दुआएं की गई। इस मौके पर जेष्ठ पत्रकार सब्बीर खान ने बताया कि बीते आठ वर्षों से यह संदल कार्यक्रम निरंतर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की खासियत यह है कि इसमें हिंदू-मुस्लिम सभी पत्रकार और युटूबर एकजुट होकर श्रद्धा और सौहार्द के साथ बाबा की मजार पर चादर पेश करते हैं।उल्लेखनीय है कि कुतुब-ए-कोकण और शहंशाह-ए-महाराष्ट्र के नाम से प्रसिद्ध हजरत मलिक हुसैन शाह कादरी उर्फ हजरत दीवान शाह बाबा की मजार भिवंडी की एक प्राचीन और ऐतिहासिक दरगाह है। इसका निर्माण वर्ष 1711 में किया गया था। तभी से हर वर्ष बाबा का उर्स श्रद्धा और अकीदत के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष उर्स के 362 वर्ष पूरे हो चुके हैं। दरगाह के मैनेजिंग ट्रस्टी खालिद सैयद ने बताया कि दो दशक पहले यहां विशाल मेले का आयोजन होता था, जिसमें देशभर से अकीदतमंद शामिल होते थे। वर्तमान में जगह की कमी के कारण मेला सीमित स्तर पर होता है, लेकिन आज भी उर्स के अवसर पर दूर-दराज से श्रद्धालु बाबा की दरगाह पर हाजिरी देने पहुंचते हैं।

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