बालिका ने परिजनों को बुलाकर सुरक्षा करने की दी सलाह

अर्जुन शर्मा.....

जौनपूर । मुंगराबादशाहपुर करीब सात साल पहले का मामला है अशर्फी देवी बालिका विद्यालय पंवारा का। इस स्कूल के प्रबंधक डा. दिनेश दुबे ने अपनी बुद्धिमत्ता से कालेज की एक छात्रा को यौन शोषण का शिकार होने से बचाया। जानकारी होने पर उन्होंने मनचले की पिटाई कर दोबारा इसकी पुनरावृत्ति न करने की हिदायत दी। इसके साथ परिजनों को बुलाकर बच्ची पर नजर रखने की सलाह दी। इसका असर यह हुआ कि आसपास के विद्यालयों में प्रशासन भी सतर्क हो गए, इस तरह की विकृति के खिलाफ एक माहौल सा बन गया।

अशर्फी देवी बालिका विद्यालय शाम को बंद होने के बाद सभी बच्चे घर के लिए निकल गए। एक बच्ची कॉलेज से बाहर निकलने के बाद फिर अंदर वापस आ गई। वह कक्षा छह में पढ़ती थी। क्लास टीचर मैडम ने पूछा क्यों फिर वापस आ गई तो वह रोने लगी। बताया कि कॉलेज के बाहर रास्ते में एक लड़का खड़ा है जो उसे परेशान करता है, गलत हरकत करता है। वह बाहर जाएगी तो पकड़कर साथ ले जाएगा। इसके बाद मैडम ने प्रबंधक डा. दिनेश दुबे को सूचित किया। इस पर सक्रियता दिखाते हुए प्रबंधक ने रास्ते में बाइक लेकर खड़े 24 वर्षीय युवक को पकड़वा दिया। पड़ोसी होने के नाते बच्ची उसे चाचा बुलाती थी। बावजूद वह छात्रा पर बुरी नजर रखता था। छात्रा ने बताया कि सुबह स्कूल आ रही थी तभी युवक रास्ते में एकांत पाकर गंदा काम करना चाहा, बच्ची रोने लगी तो उसे थप्पड़ मारा। रोने की आवाज सुनकर खेत में घास काट रही महिलाएं खड़ी हो गईं, जिसे देखकर वह घबरा गया और बाइक पर बैठाकर उसे विद्यालय छोड़ गया। घटनाक्रम सुनने के बाद डा. दुबे आक्रोशित हो गए। उन्होंने युवक को पकड़वाकर कड़ी फटकार लगाई, साथ ही चार थप्पड़ भी जड़ दिए। बच्ची के घर वालों को बुलवाया। सबके सामने युवक ने बच्ची के बताए हुए सभी बातों को स्वीकार किया व माफी मांगने लगा। इसके बाद वह पुलिस बुलाकर युवक को गिरफ्तार करवाना चाहते थे। लोकलाज की डर से बच्ची के घर वाले तैयार नहीं हुए। कहा कि आगे से वह स्वयं सुरक्षा के लिए सतर्क रहेंगे।

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