केवल कागज पर है बहुउद्देश्यीय मार्ग का प्रकल्प

कल्याण । बहुउद्देशीय मार्ग ( जे एन पी टी  फ्रेट कॉरिडोर ) प्रकल्प का काम केवल कागजो पर है, हकीकत यदि देखा जाय तो कुछ भी साकार नही हो रहा। प्रकल्प के अंतर्गत महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पर्यावरण विषय पर जानकारी देने के लिए एक कार्यक्रम में प्रकल्प बाधितों के अनुपस्थित होने के कारण कार्यक्रम को  रद्द करने की मांग संतोष केणे ने किया। तय कार्यक्रम एक बार होने के बाद वापस नही किया जा सकता है, ऐसी भूमिका प्रशासन ने दिखाई। प्रकल्प बाधितों के साथ कोई अन्याय नही होगा, उनकी समस्या दूर की जाएगी, प्रशासन की तरफ से किसी को गुमराह नही किया जाएगा, सबको बराबर न्याय मिलेगा, ऐसा प्रशासन की तरफ से कहा गया है। 

डोंबिवली ग्रामीण के वरद विनायक सभागृह में मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण के माध्यम नवघर से चिरनेर (जे.एन.पी.टी.) प्रस्तावित बहुउद्देशीय कॉरिडोर ठाणे जिला में 32.51 कि.मी. लंबाई की पर्यावरण विषय में जाहीर सुनावाई कार्यक्रम आयोजित किया गया था, कल्याण के उप-प्रादेशिक अधिकारी अमर दुर्गुले, ठाणे जिला न्याय दंडाधिकारी शिवाजी पाटील, मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण के समीर कुर्तकोटी आदि अधिकारी उपस्थित थे। बड़े स्क्रीन पर पहले पर्यावरण के बारे जानकारी दी, उस पर किया जाने वाला नियोजन और उसके बारे उपस्थित नागरिको को जानकारी दी गयी। पर्यावरण के उपाय, धुंआ कम करने का साधन, गाड़ी पार्किंग सुविधा, रास्ते की सुरक्षा, गटर का व्यवस्थापन, रास्ता प्रकल्प, पेड़ो की देखभाल, सलाह , संवाद आपत्ति व्यवस्थापन ऐसे विविध विषय पर जानकारी दी गयी। लेकिन इस कार्यक्रम में नागरिक और प्रकल्प बाधित लोगों की अनुपस्थिति के कारण कार्यक्रम पूरी तरह से फ्लॉप रहा। संतोष केणे ने कहा कि, विकास के उद्देश्य में काम करते हुये प्रत्येक भूमिपुत्र पर विश्वास दिखाए, किसान और भूमिपुत्र को उनका हक दे। मुंबई, ठाणे, रायगड, नवीमुंबई जिले  के आगरी-कोली-कुणबी भूमिपुत्र पर हर बार अन्याय हुआ है, भूमिपुत्र के जमीन को भंगार के भाव में विकास के लिए सरकार कब्जा कर  रही है जिससे भूमिपुत्र को नुकसान होता है। इस बहुउद्देशीय मार्ग प्रकल्प में ३२०० परिवार बाधित है, उनको न्याय मिलेगा क्या ? ऐसा सवाल भी केणे ने उठाया है।  इस अवसर पर विलास म्हात्रे, राहुल केणे, गजानन पाटील, भिवंडी के राजेश पाटील, भरोडी के निळकंठ पाटील, सरपंच सुनंदा पाटील इन्होंने प्रकल्प की समस्या और निवारण पर सवाल उठाए हैं तथा सभी प्रशासन के  रवैये से नाखुश हैं।

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