ई रिक्शा बन रही यातायात के गले की हड्डी

वाराणसी । शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिये प्रशासन ने तत्काल ई-रिक्शा चलाने के निर्देश दे दिये थे। लेकिन इसके लिये न तो कोई नियम बने और न मार्ग निर्धारित हुआ। नतीजा यह हुआ कि नाबालिगों ने ई-रिक्शे के हैंडल थाम लिए ओर किसी भी क्षेत्र में फर्राटा भरने लगे। इसके लिये ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होने के बावजूद शहर में नाबालिग ई-रिक्शा चला रहे हैं। 

केंद्र सरकार की पहल पर ई-रिक्शा शहर के युवाओं को रोजगार देने के लिये शुरू किया गया था। लेकिन शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर ई-रिक्शा जाम का कारण बनने लगे हैं। इसके अलावा चालक भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी तेज रफ्तार से ई-रिक्शा चलाते हैं। जिसके कारण पिछले कुछ दिनों में कई लोग ई-रिक्शा से टकराकर घायल हो चुके हैं। दशाश्वमेध चौराहे पर एक ई-रिक्शा चालक ने पुलिसकर्मी को टक्कर मार दी थी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं लंका क्षेत्र में एक छात्र को भी ई रिक्शा से टक्कर लगी थी। इसी तरह शहर में कई घटनाएं  हो चुकी हैं। जिसके बाद चालक मौके से फरार भी हो जाते हैं। 

शहर के प्रमुख चौराहों पर ई-रिक्शा का कब्जा बना हुआ है। ट्रैफिक विभाग के रिकॉर्डों में गोदौलिया चौराहे से लगभग 390 ई-रिक्शा चलते हैं। शहर के सबसे प्रमुख क्षेत्र में ई-रिक्शा चालकों का आलम यह है कि बेतरतीब तरीके से खड़े होकर सड़क को जाम कर देते है। जिससे पैदल चलने तक को जगह नहीं होती। यही हाल मैदागिन चौराहे का है। यहां भी कोई ट्रैफिक व्यवस्था न होने से लोगों को परेशानी होती है। शहर का एक और प्रमुख चौराहा इंग्लिशिया लाइन भी इससे अछूता नहीं है। शहर में प्रवेश करने वाले लोग सबसे पहले इंग्लिशिया लाइन चौराहे पर आते हैं। लेकिन ई-रिक्शा चालकों के कारण यहां भी पूरे दिन वाहन रेंगते रहते हैं। 

रिपोर्टर

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