स्वयं घोषित उत्तर भारतीय नेताओं से समाज रहे सावधान

भिवंडी ।। भिवंडी लोक सभा २३ का चुनाव जहाँ प्रतिदिन नजदीक आ रहा है। वही पर उम्मीदवारों को ब्लैकमेल करने के लिए उत्तर भारतीय सनाज के स्वयं घोषित नेताओं द्वारा विभिन्न प्रकार के हथकड़ॆ अपनाया जा रहा हैं। कुछ छुटभैया भाजपा प्रायोजित उत्तर भारतीय नेताओ द्वारा समाज को गुमराह कर भाजपा उम्मीदवार को वोट डालने के लिए अग्रसर किया गया है। वही पर इन छुटभैया स्वय घोषित उत्तर भारतीय नेताओं द्वारा बोगस यु टुब्य चैनलों पर विभिन्न प्रकार के ब्यान बाजी कर के समाज को गुमराह किया जा रहा है। एक स्वयं घोषित उत्तर भारतीय नेता यहाँ तक कहा कि " जब तक बच्चा रोता नहीं माँ दुध नहीं पिलाती " ।‌ ऐसे स्वयं घोषित नेताओं द्वारा अपने फायदे के‌ लिए समाज को बदनाम करने के लिए कॊई कसर नहीं छोड़ा जाता है। भिवंडी शहर में उत्तर भारतीय समाज पुरी तरह बिखरा हुआ है। उत्तर भारतीय समाज को नाराज बताकर कुछ स्वयं घोषित नेता भाजपा को आँख दिखा कर राजनितिक सौदेबाजी को अंजाम देने मे लगे है, जबकि भिवंडी के तमाम राजनीतिक दलों से उत्तर भारतीय जुड़े हुए है। इन दलों में पदाधिकारी और कार्यकर्ता के रुप मे निस्वार्थ भावना से काम कर रहे है, लेकिन कुछ छुटभैये नेताओं द्वारा अपने आप को पूरे उत्तर भारतीय समाज का ठेकेदार बनाकर पेश कर रहे है जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा मे गिनती भर के उत्तर भारतीय समाज के लोग है। और वह गिनती भर के लोग वहा कार्यकर्ता कम और अपने आप को उत्तर भारतीयो के नेता के रूप मे अधिक पेश करते है। हालाकि भाजपा नेताओ को इन नेतृत्व विहीन और जनाधार विहीन स्वयं घोषित उत्तर भारतीय नेताओ की जमीनी हकीकत पता है । शायद इसलिए इन्हे वहाँ इनकी उम्मीद से कम इनको तवज्जो मिल रही है। इस लिए सोशल मीडिया में वोगस पत्रकारों से विडियो बनवाकर पेश किया जा रहा है। ऐसे स्वयं घोषित उत्तर भारतीय नेताओं के चेहरे से मुखौटा उताने का मन उत्तर भारतीय समाज के मतदाताओं ने मन बना लिया हैं।

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