
हाथ की मेहंदी,मुर्गी का पंख और ताबीज ने खोले हत्या के राज
- Hindi Samaachar
- Jul 09, 2019
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कोई भी क्राइम परफेक्ट नही होता
टिटवाला - कहते है ना कोई भी क्राइम परफेक्ट क्राइम नही होता है ,क्राइम करनेवाले से कोई ना कोई सुराग छूट जाता है,इसी प्रकार महिला के कमर में बंधे ताबीज पर लिखे बंगाली भाषा तथा बोरी से मिले पंख व मांश के चलते टिटवाला पुलिस ने महिला की हत्या करनेवाले हत्यारे को बंगाल से गिरफ्तार कर सलांखो के पीछे पहुंचा दिया है।
जानकारी के अनुसार 23 जून को एक 25 वर्षीय महिला की अर्ध जली अवस्था मे लाश खडवली के मौजे राया के पास पुलिस पाटिल किरण रघुनाथ जाधव को दिखी। इस बात की सूचना उन्होंने तुरंत टिटवाला पुलिस को दिया।घटना स्थल पर पहुंचकर पुलिस ने देखा की महिला की लाश इस हद तक जली है कि हत्यारे के साथ- साथ महिला को भी पहचाना मुश्किल था।लेकिन कहते है ना कोई भी क्राइम परफेक्ट क्राइम नही होता है।इस हत्या में भी हत्यारे से एक नही बल्कि कई सुराग छूट गया था।जैसे की महिला के कमर में ताबीज,हाथ मे लगी मेहंदी,बोरी में मुर्गी के पंख और मांश।
बता दें कि हत्या करने के बाद महिला की लाश को एक बोरी में कर हत्यारे ने सुनसान जगह पर लेजाकर जला दिया था,ताकि महिला की शिनाख्त न हो सके लेकिन महिला के कमर में बंधे ताबीज पर लिखे बंगाली भाषा से साफ लग रहा था कि महिला बंगाल की रहनेवाली है।दूसरा सुराग महिला को जिस बोरी में डाल कर लाया गया था उस बोरी में मुर्गी के पंख तथा मांश मिला था जिससे साफ प्रतीत हो रहा था कि हत्या के पीछे जरूर किसी मुर्गी का धंधा करनेवाले का हाथ है।
पुलिस ने इसी सुराग के तहत टिटवाला के करीब सभी बंगालियों का पता लगाना शुरू किया जो कि चिकन सेंटर चलाते हो,ऐसे में टिटवाला के नजदीक बनैली गांव में पता लगा कि एक चिकन सेंटर वाला है जो कि पश्चिम बंगाल का रहनेवाला है,जिसका दुकान पिछले कई दिनों से बंद है।पुलिस को उस दुकानदार के प्रति शक और गहरा गया पुलिस ने जब उस दुकानदार के बारे में पता किया तो मालूम पडा की आलम शेख नामक यह दुकानदार पश्चिम बंगाल का ही निवासी है और इसके दुकान पर अक्सर एक महिला भी आया करती थी।आलम के करीबियों से उसका पता निकाल कर पुलिस पश्चिम बंगाल से उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के सामने आलम ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि वह पिछले तीन चार महीना से मोनी को जानता था, उसने मुझसे से ढाई लाख रुपए ले ली थी और देने का नाम नही लेती थी। यही नही अक्सर दुकान पर चली आती थी और पैसे मांगने के लिए।उसके इसी हरकत से तंग आकर मैने अपने दोस्त मनोरूद्दीन शेख के साथ मिलकर मोनी के घर 22 तारीख की रात गया और मोफलर से गला दबा कर उसे मौत की नींद सुला दिया।शिनाख्त न हो सके इस लिए उसे एक बोरी में डालकर सुनसान जगह लेगया और गाडी से पेट्रोल निकाल कर उसे आग के हवाले कर दिया ताकि कोई उसे पहचान न सके।इसके बाद पश्चिम बंगाल अपने गांव चला गया।
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