वाराणसी नगर निगम में मृत कर्मचारी का कर दिया तबादला

वाराणसी । वाराणसी नगर निगम के बाबूओं की लापरवाही और मनमर्जी से कुछ भी संभव है। अब तक वहां के कर्मचारी और बाबू दूसरे की जमीन दूसरे के नाम करते थे, स्वयं के लाभ के लिए नगर निगम के राजस्व की चपत लगा देते थे, लेकिन इस बार तो लापरवाही की हद पार कर दी।तीन साल पहले मृत कर्मचारी का भी स्थानांतरण कर दिया, जिस पर अधिकारियों ने मुहर लगा दिया। जानकारी तब हुई जब उसके रिलीव करने की बारी आई।

शासन ने एक आदेश जारी किया कि जिस विभाग में तीन साल से अधिक समय से अगर कर्मचारी एक ही पटल पर बने हुए हैं तो उनका स्थानांतरण कर दिया जाए।इस स्थानांतरण नीति के तहत नगर निगम के अधिकारियों ने तीन साल पूर्व स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चपरासी कमलनाथ का स्थानांतरण सामान्य अभियंत्रण विभाग में कर दिया, जबकि उनका निधन तीन साल पूर्व ही हो चुका है। उनकी जगह उनके बेटे विश्वास की चपरासी के पद पर नौकरी भी लग गई है और वह वरुणापार जोन में पदस्थ था इस आदेश के बाद नगर निगम ने 51 लिपिकों और 63 बाबुओं का स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया। कुछ ऐसे लिपिकों का स्थानांतरण हुआ है, जो इस सप्ताह ही स्थानांतरण होने वाले हैं, या फिर एक साल से भी कम समय से ही काम कर रहे हैं, जबकि 10 सालों से ही एक ही पटल पर बने हुए बाबुओं का स्थानांतरण नहीं हुआ।
नगर आयुक्त डॉ. नितिन बसंल ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे भी मिली है। उस स्थानांतरण सूची को सुधारने व संबंधित अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा जाएगा।उधर, नगर निगम के तहसीलदार कार्यालय, डीजल पंप पर स्थित कर्मचारी, जन्म मृत्यु कार्यालय, लेखा विभाग और मेयर कार्यालय के कर्मचारी शामिल हैं, जो पिछले 15 से 20 सालों से एक ही पद पर पदस्थ हैं। इसके बावजूद इनका स्थानांतरण नहीं किया गया।

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