फिर से डूबा पालावा,पूरा शहर हुआ पानी पानी

कल्याण ।। दो दिन से हो रही भारी बरसात और बाढ़ के चलते एक बार फिर पलावा रियो सिटी पानी-पानी हो गई। फेज -1 को छोड़कर पलावा सिटी में चार से पांच फीट पानी भरा हुआ था जिससे वहां रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतें हुई। देश की नंबर वन सिटी के नाम से जानी जाने वाली 4 हजार एकड़ में फैली पलावा रियो में रहने वाले लोगों की गाड़ियां पूरी तरह डूब चुकी थी। पचीस हजार फ्लैटों की प्रोजेक्ट वाली पलावा सिटी चार हजार एकड़ में फैली हुई है,लेकिन खाड़ी के किनारे होने की वजह से यहां बाढ़ जैसा दृश्य था। स्कूल और दुकानें पानी से लबालब हो गई थी। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।गगनचुंबी इमारत में रह रहे लोग की हालत दयनीय है।बिल्डिंगों के बिजली खंडित करने से बिल्डिंग के लिफ्ट बंद होगये है।जिससे लोगों को आने जाने में काफी दिक्कत हो रही है।


खडेगोलवली-

कल्याण पूर्व के खडेगोलवली और कैलाशनगर में बाढ़ का नजारा था। यहां नाले का पानी उफान पर होने के कारण लोगों की घरों में पानी घुस गया। हजारो लोगों को रेस्क्यू कर घर के अंदर से बाहर निकाला गया। घरों में 4 से 5 फिट पानी होने के कारण घर में रखे सामान भी नष्ट हो गए। किसी तरह लोग अपना जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर शिप्ट हुए।


शिवाजीनगर- 

वालधुनी नाला का पानी  उफान पर होने के कारण शिवाजीनगर का बुरा हाल था। शनिवार की अपेक्षा रविवार को लोग ज्यादा परेशान हुए। यहां करीबन 200 घरों में पानी भरा था और बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी। लोग जान बचाकर ओम टावर के पास शरण लिए हुए थे। बचाव दल की टीम ने हजारो लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुचाया। कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने लोगों की मदद भी की। बारिश बन्द होने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली।


200 गायों को सुरक्षित स्थान पर पहुचाया गया-  


 बापगांव के चौधरपाड़ा में 6 से 7 फिट पानी भरने के कारण श्रीलीला पुरुषोत्तम गौशाला में फंसी 200 गायों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। पिछले 26 जुलाई की बरसात में रायतागांव के पास 35 गायों की और चौधरपाड़ा में 2 को मिलाकर कुल 37 पशुओं की मौत हुई थी। वहीं कल्याण के गोविंदवाडी में 4000 हजार से अधिक भैंसों को तबेला से निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
     कल्याण पूर्व में तबेलों की हालत दयनीय है,घुटने भर पानी मे सभी मवेशियों को मज़बूरन रहना पड़ रहा है,चारा बह गया है,और जो बचा है ओ भी पुरी तरह गीला हो चुका है।


अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र में डोंबिवली का पलावा रियो सिटी, कल्याण का शिवाजीनगर, खडेगोलवली,अशोकनगर, गोविंदवाड़ी,कोलसावाड़ी, बन्दरपाड़ा, रामबाग जीरो नम्बर,ठाकुर्ली,कांबा,म्हारल,वरप आदि क्षेत्र शामिल रहे,जहां बारिश की पानी के साथ-साथ खाड़ी के पानी का समावेश था जिससे बाढ़ जैसी स्थिति निर्माण हो गई थी।

रिपोर्टर

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