वाराणसी में अब तक के सबसे बड़े कालीन मेले में शामिल होंगे चार सौ से अधिक आयातक

रिपोर्ट-राम मोहन अग्निहोत्री 

भदोही ।। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के तत्वाधान में वाराणसी के सम्पूर्णानद संस्कृत विश्वविद्यालय में 11 से 14 अक्टूबर तक कालीन मेले का आयोजन करने जा रही है। इस बार 230 निर्यातक स्टाल लगाएंगे। मेला कुल क्षेत्रफल 5800 वर्ग मीटर में लगेगा। 400 से अधिक आयातक भाग लेंगे यह बातें श्री सिंह बुधवार को नगर के स्टेशन रोड स्थित एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस बार के कालीन मेले में स्लोवाकिया, मारीशस, लेथवेनिया, कुवैत, ताइवान, कतर, यूक्रेन, कोरिया आदि सहित अन्य देशों से पहली बार आयातक आ रहे हैं। इस बार के कालीन मेले में यूएएस से 57 बायर, चाइना से 36, आस्ट्रेलिया से 18, जर्मनी से 20, टर्की से 18, रसिया से 15, जापान से 10, बेल्जियम से 10 व इजराइल से 3 आयातक आदि रहेगे। उन्होंने कहा कि यह मेला एशिया महाद्वीप में लगने वाले सबसे बड़े हस्तशिल्प कालीन मेलों में से एक है। जो विभिन्न कालीन खरीदारों के लिए एक ही छत के नीचे सर्वक्षेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन व अन्य फ्लोर कवरिंग को उपलब्ध कराने के लिए एक अद्वितीय मंच है। जो दुनिया के कालीन खरीदारों के लिए एक एक लोकप्रिय मंच बन गया है। श्री सिंह ने बताया कि कालीन मेले का उद्घाटन विकास आयुक्त हस्तशिल्प भारत सरकार शांतमनु करेंगे। इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद, विधायक व केंद्र तथा राज्य के विभिन्न अतिथियों के साथ ही सचिव वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार रवि कपूर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस बार कालीन मेले में वर्ष 2018-19 में किए गए उत्कृष्ट निर्यात पर निर्यात पुरस्कार का आयोजन किया जा रहा है। जिसका आयोजन मेले के प्रथम दिन शाम के समय किया जाएगा। पुरस्कार मुख्यत: 5 श्रेणियों में वितरित किए जाएंगे। साथ ही साथ उद्योग से जुड़े कुछ लोगों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।इस मौके पर सीईपीसी के द्वितीय उपाध्यक्ष उमर हमीद, उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना, ओंकार नाथ मिश्र, राजेंद्र प्रसाद मिश्र, श्रीराम मौर्य, अब्दुल रब अंसारी, अधिशासी निदेशक एवं सचिव संजय कुमार व उपनिदेशक विजय कुमार सिन्हा आदि मौजूद रहे।

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