ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेगे, तोड़ेगे दम मगर तेरा साथ

खुटहन ( जौनपुर) ।। सुतौली श्मशान घाट पर रविवार को एक साथ अगल बगल जल रही दो बचपन के जिगरी दोस्तों की चिता को देख बरबस ही लोगों को सोले फिल्म के जय बीरू की याद आ गयी। फिल्म का गाना भी ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेगे, तोड़ेगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेगे बुदबुदाने लगे। यह दोनों दोस्त काजियाशाहपुर गांव के थे। शनिवार की रात में गांव के रामनयन यादव सौ वर्ष का निधन हो गया। जिसकी सुचना सुबह गांव वालों को हुई तो उनके लंगुटिया यार बाबुराम यादव 95 वर्ष को भी बता दिए। वे सदमें आहत हो गये। अपने साथी के निधन की खबर पाकर वो बहुत ही दुखी हो गये। कुछ देर बाद ही बाबूराम ने भी दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने दोनों मित्रो का दाह संस्कार क्षेत्र के सुतौली घाट पर कर दिया। बताते है कि दोनों एक ही गाँव के थे। उनमे होस संभालने के बाद से ही दोस्ती थी। दोनों कलकत्ता में रहकर पांच दशक तक एक ही ट्रक चलाया करते थे। बाबुराम परिचालक तो रामनयन ड्राइवर थे। दोनों साथियों में कभी भी तू तू मै मै नही हुआ। जबकि दोनों एक ही गाँव के थे। दोनों की चिता एक घाट पर एक ही साथ जलाया गया। इसकी दिनभर क्षेत्र में चर्चा होती रही।

रिपोर्टर

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